दिल्ली ब्लास्ट का नया CCTV फुटेज:जमीन के 40 फीट नीचे मेट्रो स्टेशन हिला, अफरा-तफरी मची; हरियाणा के नूंह से खरीदा था विस्फोटक

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दिल्ली ब्लास्ट का एक और CCTV फुटेज सामने आया है। यह वीडियो लाल किला अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन का है। फुटेज में दिख रहा है कि 10 नवंबर शाम 6:51 बजे जोरदार धमाका होते ही करीब 40 फीट नीचे पूरा स्टेशन हिल जाता है। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि खाने की दुकान का काउंटर तक हिल गया और उसके सामने खड़े लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे। कुछ सेकेंड में ही स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। इधर, दिल्ली ब्लास्ट का कनेक्शन अब हरियाणा के नूंह (मेवात) जिले के पिनगवां क्षेत्र से जुड़ गया है। विस्फोट से जुड़े केस की जांच कर रही दिल्ली की जांच एजेंसी ने खाद विक्रेता दिनेश सिंगला उर्फ डब्बू को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। आरोप है कि डब्बू ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल शकील को बिना रिकॉर्ड अमोनियम नाइट्रेट उपलब्ध करवाया। जबकि उसके पास अमोनियम नाइट्रेट रखने का लाइसेंस नहीं था। बताया गया कि यही अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक तैयार करने में इस्तेमाल हुआ। CCTV फुटेज की 2 तस्वीरें... दिल्ली ब्लास्ट में भास्कर की 2 इन्वेस्टिगेशन 1. तीसरी तक पढ़े मौलवी ने डॉक्टरों को आतंक पढ़ाया: कश्मीर के जिस मौलाना मोहम्मद इरफान की वजह से आतंकियों के वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ, वो तीसरी कक्षा तक ही पढ़ा था। लेकिन, वो डॉक्टरों को आतंक का पाठ पढ़ा चुका था। इरफान शोपियां का रहने वाला है। नौगाम में मदरसे में पढ़ाने जाता था। 17 अक्टूबर को उसने ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का धमकी भरा पोस्टर लिखा। फिर उसे प्रिंटिंग कराने ले गया। पोस्टर में सेना के खिलाफ धमकी भरी बातें लिखी थीं। जवानों ने पोस्टर देखा और आसपास पता लगाया तो मौलवी का सुराग मिला। अगले ही दिन जवान शोपियां पहुंच गए और उसे दबोच लिया। जांच सूत्रों ने भास्कर को बताया कि नौगाम में इरफान जिस मस्जिद में रहता था, उस कमरे को खोला गया। वहां कुछ और पोस्टर मिले। इसके बाद पहला केस दर्ज हुआ। कुछ दिन मामला शांत रहा, लेकिन 27 अक्टूबर को नौगाम में और पोस्टर लगे मिले। ये प्रिंटेड थे। सीसीटीवी फुटेज से इन्हें लगाने वाली की पहचान कुलगाम के वांपोरा निवासी डॉ. अदील मोहम्मद के रूप में हुई। 2. जहां से चार आतंकी निकले, वहां 40% डॉक्टर कश्मीरी: फरीदाबाद के धौज गांव में बनी जिस अलफलाह यूनिवर्सिटी से चार आतंकी डॉक्टर निकले, वहां 40% डॉक्टर कश्मीरी हैं। नाम न छापने की शर्त पर मेडिकल कॉलेज में तैनात एक महिला डॉक्टर ने भास्कर को बताया कि 2021 में लेडी आतंकी डॉ. शाहीन बतौर प्रोफेसर जुड़ी। उसे प्रबंधन ने कॉलेज की 6 सदस्यीय फार्माको विजिलेंस कमेटी में अहम पद दिया। उसने ही 2022 में पुलवामा के आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल गनी, डॉ. उमर नबी, डॉ. सज्जाद अहमद को नौकरी दिलाई। सज्जाद को कॉलेज कमेटी का सदस्य बनवाया। शाहीन और सज्जाद का यूनिवर्सिटी में काफी प्रभाव था। दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े 4 अपडेट्स... मैप से समझिए धमाके की लोकेशन दिल्ली धमाके से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...