साउथ कोरिया की न्यूक्लियर पनडुब्बियां बनाने में मदद करेगा अमेरिका:साउथ कोरियाई राष्ट्रपति बोले- किम जोंग से निपटने के लिए सबमरीन चाहिए

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साउथ कोरिया और अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ है, जिसमें अमेरिका ने साउथ कोरिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियां (अटैक सबमरीन ) बनाने की इजाजत दे दी है। व्हाइट हाउस ने गुरुवार को जारी किए गए एक लेटर में बताया कि अमेरिका इन पनडुब्बियों के लिए फ्यूल देने के साथ तकनीकी सहयोग भी करेगा। पिछले महीने हुए व्यापार समझौते के तहत साउथ कोरिया, अमेरिका में 29.58 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगा। इसमें 16.9 लाख करोड़ रुपए नकद और 12.68 लाख करोड़ रुपए जहाज निर्माण में लगेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि ये पनडुब्बियां अमेरिकी राज्य पेंसिल्वेनिया के फिलाडेल्फिया के शिपयार्ड में बनेंगी, जो दक्षिण कोरियाई कंपनी हन्वा की अमेरिकी यूनिट है। हालांकि दक्षिण कोरियाई अधिकारी चाहते हैं कि ये पनडुब्बियां कोरिया में ही बनाई जाएं, क्योंकि वहाँ मौजूदा सुविधाएं इनका निर्माण तेजी से कर सकती हैं। साउथ कोरियाई राष्ट्रपति ने कहा था कि वह परमाणु पनडुब्बियां नॉर्थ कोरिया और किम जोंग उन से निपटने के लिए चाहते हैं। साउथ कोरिया पर अमेरिका ने टैरिफ घटाया था अमेरिका और साउथ कोरिया के बीच यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब दोनों देशों के नेताओं ने पिछले महीने एक व्यापार समझौते पर सहमति जताई थी, जिसके तहत अमेरिका ने टैरिफ को 25% से घटाकर 15% कर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस वर्ष की शुरुआत में साउथ कोरिया पर 25% टैरिफ लगा दी थी। राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने 15% तक कम करने के लिए बातचीत की थी। दुनिया में सिर्फ 6 देशों के पास परमाणु पनडुब्बियां वर्तमान में सिर्फ 6 देशों के पास परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियां हैं। इसमें अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत शामिल है। साउथ कोरिया के पास पहले से ही लगभग 20 पनडुब्बियां हैं, लेकिन वे सभी डीजल से चलती हैं और इसलिए उन्हें बार-बार सतह पर आना पड़ता है। इसके तुलना में परमाणु पनडुब्बियां लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती हैं, तेज गति से चल सकती हैं और दूर तक ऑपरेशन कर सकती हैं। ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा था, 'मैंने उन्हें पुराने जमाने की, और बहुत कम फुर्तीली, डीजल से चलने वाली पनडुब्बियों के बजाय परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बनाने की मंजूरी दे दी है।' परमाणु ऊर्जा के मामले में साउथ कोरिया एक महाशक्ति है। 1970 के दशक में उसका परमाणु हथियार कार्यक्रम था, लेकिन अमेरिकी दबाव के बाद उसने इसे छोड़ दिया। उत्तर कोरिया से निपटने के लिए साउथ कोरिया पनडुब्बियां चाहता साउथ कोरिया परमाणु पनडुब्बियां उत्तर कोरिया से निपटने के लिए चाहता है। साउथ कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्यूंग ने पिछले महीने एशिया पेसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन सम्मेलन में ट्रम्प से कहा था कि उत्तर कोरिया के खतरे के जवाब में इन पनडुब्बियों की जरूरत है। रक्षा मंत्री अहन ग्यू-बैक ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि परमाणु पनडुब्बियां साउथ कोरिया की रक्षा क्षमता में बड़ा उछाल लाएंगी और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की नींद उड़ा देंगी। उत्तर कोरिया मार्च 2025 में अपनी परमाणु पनडुब्बी की तस्वीरें जारी कर चुका है और माना जा रहा है कि रूस की मदद से वह कुछ सालों में इसे पूरा कर लेगा। उसके पास करीब 50 परमाणु हथियार भी हैं। उत्तर कोरिया रूस की मदद से न्यूक्लियर पनडुब्बी बना रहा दक्षिण कोरियाई अधिकारियों के अनुसार, उत्तर कोरिया रूस की मदद से परमाणु पनडुब्बी कार्यक्रम पर काम कर रहा है। मार्च 2025 में, उत्तर कोरिया ने एक निर्माणाधीन परमाणु ऊर्जा से चलने वाले पनडुब्बी की तस्वीरें जारी कीं, जिसमें किम जोंग उन को शिपयार्ड का दौरा करते हुए दिखाया गया था। नॉर्थ कोरियाई राष्ट्रपति किम जॉन्ग उन ने 2021 में कहा था कि अमेरिकी की तरफ बढ़ रहे सैन्य खतरे से निपटने के लिए हम आधुनिक हथियारों का जखीरा तैयार करेंगे। इन हथियारों की लिस्ट में न्यूक्लियर पावर वाली सबमरीन भी शामिल थी। इसके अलावा सॉलिड फ्यूल से चलने वाली इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, हाइपर-सॉनिक वेपन, स्पाई सैटेलाइट और मल्टी वॉर-हेड मिसाइल शामिल हैं। नॉर्थ कोरिया ने कई हथियारों की टेस्टिंग भी की है। उत्तर कोरिया, चीन और रूस को डील बुरी लग सकती है साउथ कोरिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियां बनाने की मंजूरी मिलने से कोरियाई प्रायद्वीप पर पहले से ही व्याप्त तनाव और बढ़ सकता है। डब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के वरिष्ठ फेलो डॉ. एंड्र्यू यियो ने स्ट्रेट्स टाइम्स को बताया कि यह कदम उत्तर कोरिया, चीन और रूस को बुरा लगेगा, और इससे कोरियाई प्रायद्वीप पर सुरक्षा के बजाय अस्थिरता और हथियारों की होड़ का जोखिम बढ़ेगा। इसी तरह, साउथ कोरिया की ये पनडुब्बियां उत्तर कोरिया को घेराबंदी का एहसास दिला सकती हैं। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... गाजा को दो हिस्सों में बांटेगा अमेरिका :ग्रीन जोन पर इजराइल का कंट्रोल, इसे दोबारा बसाया जाएगा, फिलिस्तीन को खंडहर रेड जोन मिलेगा अमेरिका गाजा पट्टी को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए एक लॉन्ग टर्म प्लान बनाया गया है। एक हिस्से पर इंटरनेशनल फोर्स (ISF) और इजराइली सेना का कंट्रोल रहेगा। इसे ग्रीन जोन कहा जाएगा।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें...