D2D Service: D2D यानी Device-to-Device सर्विस एक ऐसी अगली-पीढ़ी की तकनीक है जिसमें दो मोबाइल फोन बिना नेटवर्क टावर, मोबाइल डेटा, इंटरनेट या वाई-फाई के सीधे आपस में कनेक्ट होकर कम्युनिकेशन कर सकेंगे. मतलब यह कि यदि आपके इलाके में नेटवर्क गायब है, इंटरनेट बंद है या टावर डाउन हैं फिर भी आपका फोन दूसरे फोन से सीधा संपर्क बना सकेगा. सरकार जिस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है वह भारत में मोबाइल कनेक्टिविटी का पूरा गेम बदल सकती है.कैसे काम करेगी D2D तकनीक?आम तौर पर जब हम कॉल या मैसेज करते हैं तो सिग्नल पहले मोबाइल टावर तक जाता है और फिर वहां से दूसरे फोन तक पहुंचता है. लेकिन D2D सर्विस इस पूरे सिस्टम को बायपास कर देती है. फोन में मौजूद रेडियो वेव्स और शॉर्ट-रेंज कम्युनिकेशन तकनीक की मदद से दो डिवाइस एक-दूसरे से सीधे जुड़ जाते हैं. इससे नेटवर्क पर लोड कम होगा और जहां नेटवर्क नहीं है वहां भी बेसिक कम्युनिकेशन संभव होगा.सरकार क्यों ला रही है यह सर्विस?भारत में हजारों ऐसे इलाके हैं जहां मोबाइल नेटवर्क बेहद कमजोर है. पहाड़ी क्षेत्र, जंगल, ग्रामीण क्षेत्र, सुरंगें, ऊंची इमारतें या प्राकृतिक आपदाओं के समय टावर फेल हो जाते हैं. इस वजह से लोग आपातकालीन स्थिति में भी मदद नहीं मांग पाते.सरकार का लक्ष्य है कि D2D सर्विस के जरिए नेटवर्क-फ्री कम्युनिकेशन उपलब्ध कराया जाए, जिससे इमरजेंसी में भी लोग एक-दूसरे से संपर्क कर सकें. यह तकनीक राष्ट्रीय सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और आम जनता तीनों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है.मोबाइल यूज़र्स को मिलेगा क्या फायदा?D2D सर्विस आने के बाद मोबाइल यूज़र्स का अनुभव पूरी तरह बदल सकता है.नो नेटवर्क जोन में भी कॉल और मैसेजिंग संभवआपदा या नेटवर्क फेलियर में तुरंत संपर्कटावर पर कम लोड जिससे सामान्य नेटवर्क भी बेहतर होगाग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में संचार आसानयह फीचर भविष्य में फाइल शेयरिंग, लोकेशन शेयरिंग और लोकल कम्युनिकेशन को भी बेहद तेज और सुरक्षित बना सकता है.कब तक शुरू हो सकती है यह सुविधा?सूत्रों के मुताबिक सरकार इसके लिए बड़े स्तर पर प्लानिंग कर रही है और जल्द ही पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो सकता है. एक बार टेस्ट सफल होने के बाद इसे धीरे-धीरे सभी स्मार्टफोन्स और ऑपरेटर्स में लागू किया जाएगा. आने वाले सालों में यह भारत की डिजिटल क्रांति का बड़ा कदम साबित हो सकता है.D2D सर्विस आने के बाद मोबाइल नेटवर्क की दुनिया पूरी तरह बदल सकती है. ऐसा फीचर जो मुश्किल हालात में भी लाइफलाइन साबित हो सकता है अब हकीकत बनने की तरफ बढ़ रहा है.यह भी पढ़ें:TECH EXPLAINED: कैसे हुई AI की शुरुआत, जानिए आने वाले 10 सालों में कितनी बदल जाएगी दुनिया