बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सोमवार को कई जगह पर बम धमाके हुए। इसमें अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के ग्रामीण बैंक के ऑफिस के बाहर किया गया बम विस्फोट भी शामिल है। पुलिस के मुताबिक, यह धमाका मीरपुर इलाके में सुबह करीब साढ़े तीन बजे हुआ। धमाका इतना जोरदार था कि आसपास के इलाकों में आवाज सुनाई दी, लेकिन किसी के घायल होने की खबर नहीं है। धमाके के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर आए थे और उन्होंने देसी बम फेंके। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आज सुबह मोहम्मदपुर इलाके में यूनुस की सलाहकार फरीदा अख्तर के बिजनेस आउटलेट प्रबर्तन के बाहर भी दो बम फेके गए। एक बम दुकान के अंदर जाकर फटा, लेकिन यहां भी कोई हताहत नहीं हुआ। ढाका के धनमंडी इलाके में भी कुछ अज्ञात लोगों ने चार बम फेंके, जिनमें से दो इब्न सीना अस्पताल के पास और दो एक बड़े चौराहे के पास फटे। इन घटनाओं के बाद शहर के कई हिस्सों में पुलिस और सेना को तैनात कर दिया गया है। इन धमाकों के बीच पुरानी ढाका में एक 50 साल के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस का कहना है कि वह एक पुराना गैंगस्टर था और पहले भी हमलों से बाल-बाल बच चुका था। बांग्लादेश में यह सारी घटनाएं उस समय हो रही हैं जब देश में राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ रहा है। 13 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल ट्रिब्यूनल (ICT-BD) पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई करेगा। हसीना को पिछले साल हुए छात्र आंदोलन को दबाने के आरोप में ट्रायल का सामना करना पड़ रहा है। अभियोजन पक्ष ने उनके लिए फांसी की सजा की मांग की है। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... ब्रिटिश एयरवेज के प्लेन में बम की झूठी धमकी, फ्लाइट में 200 यात्री सवार थे लंदन से हैदराबाद आने वाली ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट को सोमवार सुबह बम की धमकी वाला ईमेल मिला। जांच के बाद यह धमकी झूठी निकली। फ्लाइट में 200 से ज्यादा यात्री सवार थे। यह विमान सुबह करीब 5:30 बजे राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (RGIA) पर सुरक्षित उतरा। एयरपोर्ट पर ईमेल मिलते ही CISF और पुलिस ने पूरी जांच की, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। पुलिस ने कहा कि धमकी फर्जी थी। इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। जेलेंस्की के इंटरव्यू के दौरान 2 बार गई लाइट, बिना ट्रांसलेटर बोलते रहे यूक्रेनी राष्ट्रपति यूक्रेन की राजधानी कीव में ब्रिटिश अखबार द गार्जियन को दिए एक इंटरव्यू के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की को दो बार बिजली कटौती का सामना करना पड़ा। यह घटना कीव के मरीनस्की पैलेस में हुई, जहां बातचीत के बीच अचानक लाइट चली गई। इंटरव्यू के शुरुआत में ही पहली बार लाइट चली जाती है. थोड़ी देर बाद जनरेटर चालू हुआ तो बिजली आई लेकिन बीच में एक बार फिर बिजली गुल हो गई। इस दौरान जेलेंस्की ने बिना ट्रांसलेटर के बातचीत जारी रखी। बाद में उन्होंने कहा कि 'ऐसी बिजली कटौती जंग के कारण अब कीव और पूरे यूक्रेन में आम बात हो गई है।' पूर्व बांग्लादेशी मंत्री बोले- क्लिंटन फैमिली ने तख्तापलट कराया, उनके मोहम्मद यूनुस से करीबी रिश्ते बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने एक अमेरिकी एजेंसी और क्लिंटन फैमिली (बिल क्लिंटन और हिलेरी क्लिंटन) पर देश में तख्तापलट का आरोप लगाया है। चौधरी ने रशिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि USAID (यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) और मोहम्मद यूनुस के बीच साठगांठ थी और वे 2018 से ही शेख हसीना के खिलाफ अभियान चला रहे थे। पिछले साल जुलाई-अगस्त में नौकरी में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन हिंसा में बदल गया था, जिसमें 700 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद 5 अगस्त को शेख हसीना ने देश छोड़ दिया और भारत चली आई थीं। शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाली थी। वह पिछले 15 महीनों से बांद्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया बने हुए हैं। चौधरी ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, वह पूरी तरह से सोची-समझी साजिश थी और पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दी गई। क्लिंटन फैमिली और यूनुस के बीच लंबे समय से संबंध रहे हैं और दोनों काफी समय से हसीना सरकार को गिराने की कोशिश में लगे थे। चौधरी ने कहा, “यह चीजें लंबे समय से चल रही थीं। ये बहुत खुलकर नहीं होती थीं, लेकिन सीक्रेट एनजीओ को फंडिंग दी जा रही थी। उनका मकसद सिर्फ एक था, बांग्लादेश की सरकार बदलना।” चौधरी ने यह भी कहा कि जब बांग्लादेश सरकार ने यूक्रेन जंग में रूस का ठीक से विरोध नहीं किया तो वे और ज्यादा नाराज हो गए। पूर्व मंत्री ने यह भी सवाल उठाया कि USAID के करोड़ों डॉलर आखिर कहां गए, जो कथित रूप से ‘सरकार बदलने’ में इस्तेमाल किए गए। इस पैसे से सारी प्लानिंग की गई जिसके बाद वह एक बड़े दंगे में बदल गया। न्यूज कंपनी BBC के डायरेक्ट जनरल और न्यूज हेड का इस्तीफा; ट्रम्प ने भाषण को गलत तरीके से दिखाने का आरोप लगाया था अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रिटेन की प्रसिद्ध न्यूज कंपनी BBC पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि BBC ने उनके 6 जनवरी 2021 के भाषण को गलत तरीके से काट-छांट कर दिखाया, जिससे ऐसा लगा जैसे वे लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे थे। असल में ट्रम्प ने उस दिन कहा था कि वे कैपिटल जाएंगे और अपने सांसदों का हौसला बढ़ाएंगे। लेकिन BBC ने वीडियो को तोड़-मरोड़ कर ऐसा दिखाया जैसे ट्रम्प ने कहा- हम कैपिटल जाएंगे और पूरी ताकत से लड़ेंगे। इस पूरे मामले का खुलासा ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ ने एक गुप्त मेमो लीक करके किया। मेमो में साफ लिखा था कि BBC ने जानबूझकर ट्रम्प का भाषण बदल दिया था। इस घोटाले के बाद BBC के दो सबसे बड़े अधिकारी डायरेक्ट जनरल टिम डेवी और न्यूज हेड डेबोरा टर्नेस ने इस्तीफा दे दिया। टिम डेवी ने कहा कि यह उनका अपना फैसला है, जबकि डेबोरा ने माना कि गलती हुई, लेकिन BBC में कोई पक्षपात नहीं है। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बीबीसी के लोग बेईमान हैं और उन्होंने उनके परफेक्ट भाषण को तोड़ा-मरोड़ा। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए बहुत खराब बताया। उनका कहना है कि विदेशी मीडिया ने अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की। हाफिज सईद बांग्लादेश से भारत पर हमले की तैयारी मेंं: लश्कर कमांडर ने बताया- लड़ाकों को ट्रेनिंग दे रहे, ऑपरेशन सिंदूर का बदला लेने की तैयारी आतंकवादी हाफिज सईद भारत पर हमले के लिए नई साजिश रच रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सईद इन हमलों के लिए बांग्लादेश को लॉन्चपैड के रूप में तैयार कर रहा है। यह खुलासा पाकिस्तान के खैरपुर तामेवाली में 30 अक्टूबर को हुई एक रैली के वीडियो से हुआ। लश्कर-ए-तैयबा के सीनियर कमांडर सैफुल्लाह सैफ ने कहा, 'हाफिज सईद खाली नहीं बैठे हैं, वे बांग्लादेश के रास्ते भारत पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं।' सैफ ने कहा- भारत हम पर चढ़ा हुआ था, अमेरिका उनके साथ था। लेकिन आज उनका साथ कोई नहीं दे रहा। सैफ ने दावा किया कि लश्कर के आतंकी पहले से ही बांग्लादेश में सक्रिय हैं और 'ऑपरेशन सिंदूर' का बदला लेने को तैयार हैं। सूत्रों के अनुसार, हाफिज सईद ने अपने करीबी साथी को बांग्लादेश भेजा है, जो वहां के युवाओं को ट्रेनिंग दे रहा है। पूरी खबर पढ़ें... अमेरिका में 40 दिन का शटडाउन खत्म होने की उम्मीद: सीनेट ने फंडिंग बिल आगे बढ़ाया; कर्मचारियों को निकालने पर रोक, पिछला वेतन मिलेगा अमेरिका में 40 दिनों से जारी सरकारी शटडाउन के खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है। रविवार को अमेरिकी सीनेट (उपरी सदन) ने फंडिंग बिल पास कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। यह बिल सरकार को 31 जनवरी तक फंडिंग उपलब्ध कराएगा। विधेयक के तहत एजेंसियों को 31 जनवरी तक कर्मचारियों की छंटनी करने से रोका जाएगा। साथ ही, शटडाउन के दौरान काम करने वाले कर्मचारियों को पूरा बकाया वेतन दिया जाएगा। यह बिल 60-40 के अंतर से पारित हुआ। अब सीनेट इसमें संशोधन करेगी। इसके बाद यह प्रस्ताव हाउस ऑफ रिप्रेसेन्टेटिव (निचली सदन) की मंजूरी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। पूरी प्रक्रिया पूरी होने में अभी कुछ दिन और लग सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें... डोनाल्ड ट्रम्प हर अमेरिकी को ₹1.7 लाख देंगे: कहा- टैरिफ से बहुत पैसे आए हैं, इसका विरोध करने वाले मूर्ख अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर दावा किया कि टैरिफ से अरबों डॉलर की कमाई हो रही है। उन्होंने कहा कि इस कमाई से अमीरों को छोड़कर हर अमेरिकी नागरिक को 2,000 डॉलर (करीब 1.7 लाख रुपए) का 'डिविडेंड' मिलेगा। ट्रम्प ने पोस्ट में टैरिफ के आलोचकों को 'मूर्ख' करार दिया। उन्होंने कहा, 'टैरिफ के खिलाफ बोलने वाले लोग मूर्ख हैं। हमारी सरकार ने अमेरिका को दुनिया का सबसे अमीर और सम्मानित देश बना दिया है, जहां महंगाई न के बराबर है और शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर है।' हालांकि, ट्रम्प ने यह नहीं बताया कि ये प्रॉफिट किसे मिलेगा, इसकी पात्रता मानदंड (जैसे आय सीमा क्या होगी?) या समयसीमा पर कोई साफ जानकारी नहीं दी। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसा वादा किया। अक्टूबर में उन्होंने 1,000 से 2,000 डॉलर के छूट का संकेत दिया था। पूरी खबर पढ़ें... ट्रम्प से मिलेंगे सीरियाई राष्ट्रपति अल-शरा: US ने आतंकी माना, सिर पर 84 करोड़ का इनाम था, अब प्रेसिडेंट व्हाइट हाउस में स्वागत करेंगे सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। वे रविवार को वॉशिंगटन पहुंच चुके हैं। दोनों नेताओं की इस साल यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले मई 2025 में दोनों नेता सऊदी अरब में मिले थे। अलकायदा से जुड़े अल-शरा को अमेरिका ने 2013 में आतंकियों की सूची में डाला था। उन पर 10 मिलियन डॉलर यानी लगभग 84 करोड़ रुपए का इनाम था। अल-शरा ने पिछले साल दिसंबर में सीरिया में तख्तापलट किया था। वे इस साल 29 जनवरी को सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति बने। 2 दिन पहले 7 नवंबर को अमेरिका ने उन्हें आतंकी लिस्ट से हटा दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा था कि शरा की सरकार ने लापता अमेरिकियों की तलाश और हथियार नष्ट करने जैसे अमेरिकी शर्तें पूरी कीं। इसलिए उन्हें सूची से हटाया गया। पूरी खबर पढ़ें...