राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक इन बंदरों के आतंक की शिकायतें पहुंच रही हैं। जिसमें बंदरों द्वारा जनहानि पहुंचाने की भी शिकायतें हैं। इसके दृष्टिगत केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों से इन बंदरों को अनुसूची में शामिल करने के लिए सुझाव मांगे हैं ताकि इसी अनुरूप वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची में इन बंदरों को फिर से शामिल किया जा सके।