निमोनिया से हुई मौतों के मामले में मध्य प्रदेश देश में तीसरे नंबर पर है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 में प्रदेश में 39,948 बच्चे निमोनिया से बीमार पड़े, जबकि 1,256 बच्चों की मौत दर्ज हुई। जानकारों के माने तो इसकी सबसे बड़ी वहज कुपोषण है। बच्चों को प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से तेजी से संक्रमण उन्हें जकड़ लेता है।