प्रकाश-हेमा से पहले धर्मेंद्र का इस लड़की पर आया था दिल, 1947 के बंटवारे ने तोड़ दी पहली मोहब्बत

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बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र हाल ही में अपनी तबीयत को लेकर चर्चा में आ गए थे. उम्र के कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत और कुछ हेल्थ इश्यू हुए, जिसकी वजह से फैन्स काफी चिंतित हो गए. इतना ही नहीं, उनकी सेहत को लेकर अफवाहें भी फैलने लगी थीं.लेकिन 12 नवंबर को उनकी तबीयत में सुधार हो गया और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई. उनकी पत्नी हेमा मालिनी ने भी राहत जताई और फैन्स का शुक्रिया अदा किया. धर्मेंद्र और हेमा की लव स्टोरी बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत कहानियों में से एक मानी जाती है, लेकिन धर्मेंद्र एक बार यह बता चुके हैं कि प्यार का पहला एहसास उन्हें हेमा जी से मिलने से बहुत पहले ही हो गया था. कौन थी धर्मेंद्र की पहली पसंद?धर्मेंद्र बचपन में पंजाब के एक छोटे से गांव में रहते थे, वो भी 1947 के बंटवारे से पहले. उसी गांव में उनकी पहली पसंद एक लड़की थी हमीदा, जो उनके स्कूल टीचर की बेटी थी. हमीदा उनसे बड़ी थी, वह आठवीं में पढ़ती थी और धर्मेंद्र छठी में.वहीं एक बार धर्मेंद्र अपने बेटे बॉबी देओल के साथ सलमान खान के शो ‘दस का दम’ में, में आए थे, धर्मेंद्र ने मुस्कुराते हुए बताया कि कैसे वह चुपके-चुपके हमीदा को देखते थे और चाहते थे कि काश वो उसके पास बैठ पाते. उन्होंने कहा था, “हम मन ही मन ही सब कहते रहते थे… ठंडी आहें भरते रहते थे… सामने वाली को कुछ पता ही नहीं था.”हमीदा को कभी उनके दिल की बात का पता नहीं चला, क्योंकि धर्मेंद्र बहुत शर्मीले थे और उन्होंने अपने मन की बात कभी कही ही नहीं. उन्होंने इस बचपन वाले पहले प्यार को अपने दिल में ही छिपाए रखा, और बाद में उसी एहसास को एक कविता में लिखकर हमेशा के लिए अमर कर दिया.धर्मेंद्र ने सुनाई प्यार की कहानीशो में जब बॉबी देओल ने उस कविता का ज़िक्र किया, तो धर्मेंद्र ने बताया कि ये कविता उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में लिखी थी, जब देश का बंटवारा भी नहीं हुआ था. उन्होंने कहा, "मैं तब पढ़ता था… पार्टीशन नहीं हुआ था." फिर उन्होंने अपने बचपन के उस मासूम प्यार की कहानी सुनाई, "मैं छोटा था, उम्र भी मासूम थी. एक लड़की थी, जिसके पास जाने का मन करता था.वह हमारी 8वीं क्लास की छात्रा थी और मैं 6वीं में था. वह हमारे स्कूल के टीचर की बेटी थी, नाम था हमीदा." बंटवारे के वक्त 1947 में हमीदा अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चली गई और धर्मेंद्र भारत में रह गए. दोनों फिर कभी नहीं मिले, लेकिन अपनी पहली मोहब्बत की यादें धर्मेंद्र के दिल में हमेशा रहीं.उन्होंने उन मीठी, मासूम बातचीतों को भी याद किया, "वह हल्के से मुस्कुरा देती थी तो मैं उसके पास चला जाता था. वह चुप रहती थी और मैं सिर झुका लेता था. वह कुछ और पूछती थी और मैं कुछ और जवाब दे देता था. वह कहती थी, 'उदास मत हो, धरम… सब ठीक हो जाएगा.’ वह चली जाती थी और मैं बस सोचता रह जाता था ‘सवाल क्या था, यार?’"