सरकारी बैंकों ने 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज राइट-ऑफ किया है, जो NPA बन चुका था. राइट-ऑफ का मतलब कर्ज माफ करना नहीं है, बल्कि बैलेंस शीट साफ करना है. बैंक वसूली के प्रयास जारी रखते हैं.