India Russia Oil Trade: भारत बड़ी मात्रा में रूस से तेल की खरीदारी करता है. अप्रैल से लेकर जून में आईओसी के कच्चे तेल में रूस की हिस्सेदारी 22 से 23 फीसदी तक रही है. पहले रूस के यूराल ग्रेड कच्चे तेल पर 40 डॉलर प्रति बैरल तक छूट मिलती थी, जो कि घटकर पिछले महीने 1.5 डॉलर रह गई है, जिससे कि आयात कम हो गया है. अब यह छूट करीब 2.70 डॉलर प्रति बैरल हो गई है. ऐसे में यह एक बड़ा सवाल है कि अगर भारत रूस से तेल की खरीदारी कम कर देता है तो क्या इससे कोई असर पड़ेगा? या फिर इससे पेट्रोल-डीजल कितना महंगा हो जाएगा. चलिए जानें. अभी कुछ वक्त पहले आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा का कहना था कि अगर भारत को रूस की बजाय कहीं और से तेल खरीदने के लिए मजबूर किया गया तो घरेलू मुद्रास्फीति पर इसका कोई असर नहीं होगा. लेकिन क्या ऐसा सच में है, आइए इसे थोड़ा विस्तार में समझते हैं.भारत रूस से कितना तेल खरीदता हैभारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. भारत अपनी तेल की कुल जरूरतों की 85 फीसदी आपूर्ति आयात के जरिए करता है. साल 2017-18 की बात करें तो भारत के लिए तेल के आयात में रूस की हिस्सेदारी सिर्फ 1.3 फीसदी थी. लेकिन यही साल 2025 में बढ़कर 35 फीसदी हो गई है. इसके अलावा अगर दूसरे देशों की बात की जाए तो चीन, रूस से भारत से भी ज्यादा तेल आयात करता है. इसके अलावा तुर्की से 6 फीसदी तेल आयात करता है.अगर रूस से तेल न खरीदें तो?अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे, तो हमें अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए सऊदी अरब, इराक, अमेरिका जैसे देशों पर ज्यादा निर्भर होना पड़ेगा. लेकिन इन देशों से मिलने वाला तेल रूस जितना सस्ता नहीं है. रूस भारत को क्रूड ऑयल डिस्काउंट पर बेचता है, कई बार 10-12 डॉलर प्रति बैरल सस्ता बेच देता है. अगर यह सस्ता तेल मिलना बंद हो जाए तो भारत को बाकी देशों से महंगा क्रूड लेना पड़ सकता है. इसका नतीजा यह होगा कि भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम आसानी से 8 से 12 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं.सरकार क्यों खरीद रही रूस से तेल?दरअसल, एक तरह से देखा जाए तो यह भारत की मजबूरी भी है और समझदारी भी. मजबूरी इसलिए है क्योंकि हमारे पास खुद का तेल बहुत कम है और समझदारी इसलिए है क्योंकि रूस से सस्ता क्रूड मिल रहा है, जिससे देश में महंगाई को कंट्रोल किया जा सकता है. क्या हो सकता है रूस से तेल न खरीदने का नतीजा?अगर भारत रूस से क्रूड ऑयल नहीं खरीदेगा, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी. इसका सीधा असर महंगाई और आम आदमी की जेब पर पड़ेगा. इसलिए भारत फिलहाल रूस से क्रूड ऑयल खरीदना जारी रखे है, जिससे कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें थोड़े काबू में रह सकें.यह भी पढ़ें: जैसलमेर में गैजेट्स पकड़ने लगते हैं कराची का टाइम जोन, क्या सेटिंग चेंज करने पर पकड़ लेगी पुलिस?