सोचिए, आप जैसलमेर के खूबसूरत रेगिस्तानी इलाके में घूम रहे हों और अचानक आपका मोबाइल कराची का टाइम दिखाने लगे तो? सुनने में बड़ा अजीब लगता है, लेकिन यह हकीकत है. राजस्थान के जैसलमेर के कई हिस्सों में मोबाइल और दूसरे गैजेट्स अपने आप पाकिस्तान का टाइम जोन पकड़ लेते हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या यह सिर्फ नेटवर्क की गड़बड़ी है या इसके पीछे कुछ और कहानी है. अगर कोई जानबूझकर फोन की सेटिंग बदलकर कराची टाइम लगाता है, तो क्या ऐसी स्थिति में पुलिस उसे पकड़ सकती है? चलिए जानें.क्यों बदल जाता है टाइम जोनअसल में टाइम जोन बदलने का पूरा मामला तकनीक से जुड़ा हुआ है. जैसलमेर भारत-पाकिस्तान सीमा के काफी करीब है. ऐसे में मोबाइल फोन टाइम जोन तय करने के लिए नेटवर्क टावरों के सिग्नल पकड़ने लगते हैं. जब पाकिस्तानी टावर का सिग्नल मजबूत हो जाता है, तो फोन अपने आप कराची का टाइम दिखाने लगता है. कराची का समय भारतीय मानक समय (IST) से ठीक 30 मिनट पीछे है. यानी अगर यहां 2 बजे दोपहर हो तो कराची में 1:30 बजे होंगे.क्या पुलिस कर सकती है गिरफ्तारहालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना हैं कि चुंबकीय तरंगों या तकनीकी हस्तक्षेप की वजह से भी यह गड़बड़ी हो सकती है. जैसलमेर के मामले में ज्यादातर विशेषज्ञ इसे नेटवर्क की समस्या मानते हैं. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह गैरकानूनी है? भारतीय कानून साफ तौर पर कहता है कि सिर्फ टाइम जोन बदलना कोई अपराध नहीं है. यानी अगर आप मजे-मजे में अपने फोन में कराची का टाइम सेट कर भी लेते हैं तो पुलिस सीधे आपको गिरफ्तार नहीं कर सकती. लेकिन जैसलमेर संवेदनशील बॉर्डर एरिया है, यहां पर जरा सी भी संदिग्ध हरकत सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर देती है.नेटवर्क का है अहम किरदारऐसे कई मामले भी सामने आए हैं, जहां पर लोग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करते पकड़े गए. जासूसी के केसों में फोन और नेटवर्क का बड़ा रोल रहा है, इसलिए अगर कोई जानबूझकर कराची टाइम या पाकिस्तानी नेटवर्क से जुड़ता है और जानकारी शेयर करता है, तो उस पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 के तहत केस बन सकता है और सजा भी मिल सकती है.लोगों का कहना है कि यह वैसे तो कोई नई समस्या नहीं है. कई बार उनके फोन में पाकिस्तान की कंपनियों के सिम मैसेज भी आ जाते हैं. ऐसे में प्रशासन की सलाह है कि लोग अपने फोन की टाइम सेटिंग को ऑटोमैटिक की बजाय मैनुअल रखें और सिर्फ भारतीय मानक समय ही चुनें.यह भी पढ़ें: भारत के आधार कार्ड की तरह पाकिस्तान में कौन-सा कार्ड, वहां कौन-सा चलता है पहचान पत्र?