भारतीय संविधान के 10 सबसे अहम आर्टिकल, इनको जान लेंगे तो किसी से भी नहीं लगेगा डर

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भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जो भारत के नागरिकों को अधिकार और कर्तव्यों का आधार प्रदान करता है. इसमें कई अनुच्छेद हैं, लेकिन कुछ ऐसे हैं जो हर भारतीय को जानना जरूरी है. ये अनुच्छेद न केवल हमारी स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा करते हैं, बल्कि हमें एक मजबूत नागरिक बनने का आत्मविश्वास भी देते हैं. चलिए जानते हैं ऐसे ही महत्वपूर्ण 10 आर्टिकल के बारे में जिन्हें जानना हर भारतीय के लिए जरूरी है.अनुच्छेद 14 - समानता का अधिकारयह अनुच्छेद कहता है कि कानून के समक्ष सभी समान हैं. कोई भी धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता. यह हमें निष्पक्षता का भरोसा देता है.अनुच्छेद 19 - अभिव्यक्ति की स्वतंत्रतायह अनुच्छेद हमें बोलने, विचार व्यक्त करने, सभा करने, संगठन बनाने और देश में कहीं भी घूमने की आजादी देता है. हालांकि, कुछ उचित प्रतिबंध भी हैं जैसे सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखन.अनुच्छेद 21 - जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकारयह सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद है, जो हर व्यक्ति को जीने और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है. इसमें स्वच्छ पर्यावरण, शिक्षा, भोजन और गोपनीयता का अधिकार भी शामिल है.अनुच्छेद 32 - संवैधानिक उपचार का अधिकारइसे संविधान की आत्मा कहा जाता है. अगर आपके मौलिक अधिकारों का हनन होता है, तो आप सीधे सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. यह नागरिकों को न्याय की गारंटी देता है.अनुच्छेद 44 - समान नागरिक संहितायह अनुच्छेद एक समान नागरिक संहिता की वकालत करता है, जो सभी धर्मों और समुदायों के लिए एकसमान कानून की बात करता है. यह सामाजिक समानता को बढ़ावा देता है.अनुच्छेद 72 – राष्ट्रपति के क्षमा करने की शक्ति राष्ट्रपति को मृत्युदंड सहित किसी भी दंड को माफ करने, कम करने या स्थगित करने की शक्ति देता है.अनुच्छेद 51A - मूल कर्तव्ययह अनुच्छेद नागरिकों के 11 मूल कर्तव्यों को बताता है, जैसे संविधान का सम्मान करना, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और पर्यावरण की रक्षा करना. यह हमें जिम्मेदार नागरिक बनाता है.अनुच्छेद 25 - धार्मिक स्वतंत्रतायह सभी को अपनी पसंद के धर्म को मानने, प्रचार करने और उसका पालन करने की आजादी देता है. यह भारत की धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करता है.अनुच्छेद 30A- संपत्ति का अधिकारसंपत्ति के अधिकार को एक संवैधानिक अधिकार के रूप में गारंटी देता है.  जिसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से कानून के अधिकार के अलावा वंचित नहीं किया जा सकता.अनुच्छेद 368 - संविधान संशोधन की प्रक्रिया संसद को अपनी घटक शक्ति का उपयोग करते हुए संविधान में किसी संशोधन को जोड़ने , बदलने या निरस्त करने का अधिकार है.इसे भी पढ़ें: टेक-ऑफ से पहले सबके फोन का Flight Mode क्यों ऑन करवा देता है पायलट, ऐसा न करें तो क्या होगा?