दिल्ली में किन जगहों के नाम अब तक बदल चुके, इनमें आपके एरिया का नाम तो नहीं?

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दिल्ली हमारे देश की राजधानी है. खुद में कई इतिहास समेटे दिल्ली में कई सड़कों, चौकों और गांवों के नाम समय के साथ बदले गए हैं. ये बदलाव कभी अंग्रेजी राज के नाम हटाने के लिए तो कभी हमारी संस्कृति और इतिहास को सम्मान देने के लिए हुए हैं. चलिए देखते हैं कि दिल्ली में किन किन इलाकों के नाम बदले जा चुके हैं.किन-किन जगहों के बदले गए नामपहले बात करते हैं राजपथ की जिसे पहले 'किंग्सवे' कहते थे. 2022 में इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया. ये नाम देश में कर्तव्य की भावना को बढ़ाने के लिए रखा गया. मुगल गार्डेन का नाम अमृत उद्यान रख दिया गया. फिर आता है औरंगजेब रोड. इस सड़क का नाम 2015 में बदलकर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम रोड रखा गया, जो हमारे पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम को सम्मान देता है. रेस कोर्स रोड का. ये सड़क, जहां प्रधानमंत्री का घर है 2016 में लोक कल्याण मार्ग बन गई. डलहौजी रोड का नाम भी बदलकर दारा शिकोह रोड किया गया. तीन मूर्ति चौक का नाम 2018 में बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक हुआ. हाल ही में 2024 में सराय काले खां चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक किया गया, जो आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को सम्मान देता है. कुछ गांवों के नाम भी बदले हैंदक्षिण दिल्ली का मोहम्मदपुर गांव 2022 में माधवपुरम बन गया. इसके अलावा, कुछ लोग चाहते हैं कि शकूरबस्ती का नाम 'जय श्रीरामपुरम' और मुस्तफाबाद का नाम 'शिव विहार' हो, लेकिन ये बदलाव अभी तक पक्के नहीं हुए हैं. क्यों बदले जाते हैं नामसड़क या किसी इलाके का नाम बदलने का उद्देश्य ऐतिहासिक सांस्कृतिक या सामाजिक कारण हो सकता है इसके लिए नगर निगम स्थानीय प्रशासन राज्य सरकार और कभी-कभी केंद्र सरकार नाम बदलने की अनुमति देती है. छोटे शहरों में ये पूरी प्रक्रिया स्थानीय अधिकारियों द्वारा की जाती है और बड़े शहरों में राज्य सरकार और नगर निगम के सहयोग से ये काम होता है.इसे भी पढ़ें- क्या है आखिरत जिसे कहा जाता है दूसरी जिंदगी, जानिए क्या कहते हैं इस्लाम के सिद्धांत