क्या सुनामी में होता है परमाणु ब्लास्ट का खतरा, समंदर में लहरें उठते ही न्यूक्लियर प्लांट क्यों बंद करवाता है जापान?

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आज सुबह रूस में 8.8 तीव्रता का खतरनाक भूकंप आया है, जिसके बाद जापान और अमेरिका की एजेंसियों ने सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया है. रूस के साथ-साथ अमेरिका के कैलिफोर्निया के तट पर भी सुनामी की भी चेतावनी दी गई है. कहा गया है कि समुद्र में तीन फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं, इससे कई इलाकों में तबाही हो सकती है. जापान में 16 जगहों पर सुनामी दर्ज की गई है, इस दौरान 40 सेंटीमीटर ऊंची लहरें देखने को मिली हैं. अधिकारियों ने सावधानी बरतने का आग्रह किया है और कहा है कि बाद में बड़ी लहरें भी आ सकती हैं. जापानी न्यूक्लियर प्लांट कराया गया खालीजापान की आपदा प्रबंधन एजेंसी का कहना है कि अब तक किसी के भी घायल होने या क्षति की ऐसी कोई खबर तो नहीं आई है, लेकिन सुनामी की चेतावनी के बाद प्रशांत तट पर जापानी न्यूक्लियर प्लांट फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में काम रोक दिया गया है और वहां से कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन अभी तक किसी तरह की असमान्यता की सूचना नहीं मिली है. लेकिन ऐसा क्यों होता है कि जापान में समंदर में तेज लहरें उठते ही न्यूक्लियर पावर प्लांट को बंद करा दिया जाता है? चलिए जानें.क्यों बंद कर दिया जाता है न्यूक्लियर पावर प्लांटजापान में भूकंप या सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा के दौरान परमाणु संयंत्रों को बंद कराने का मुख्य उद्देश्य उसकी सुरक्षा है. 2011 में आई एक फुकुशिमा आपदा ने दिखा दिया था कि कैसे सुनामी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को तबाह कर सकती है, जिससे कि रेडियोधर्मी रिसाव और पर्यावरण प्रदूषण हो सकता है. 2011 की सुनामी ने फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बुरी तरह से खराब कर दिया था. इस वजह से रिएक्टरों का ईंधन पिघल गया था और रेडियोधर्मी पदार्थों का रिसाव होने लगा था. 2011 की सुनामी ने न्यूक्लियर प्लांट में मचाई थी तबाहीदरअसल जापान रिंग ऑफ फायर पर स्थित है, जो कि भूकंप और उसके बाद सुनामी के लिए बहुत संवेदनशील क्षेत्र है. 2011 की फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र आपदा ने इस खतरे को दिखा दिया था. वहां पर आई सुनामी की वजह से परमाणु संयंत्र की शीतलन प्रणाली, यानि उसे ठंडा रखने वाली प्रणाली ठप हो गई थी, जिससे कि हाइड्रोजन विस्फोट हुए थे और रेडियोएक्टिव सामग्री का रिसाव हुआ था. इसी वजह से जापान अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के बारे में गंभीरता से सोचता है. क्या है फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांटइस घटना के बाद से जापान में भूकंप या फिर सुनामी की चेतावनी जारी होने के बाद परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बंद कर दिया जाता है, जिससे कि किसी भी तरह से रेडियोएक्टिव रिसाव को रोका जा सके. फुकुशिमा दाइइचि न्यूक्लियर पावर प्लांट फुकुशिमा प्रीफेक्चर में बना हुआ है, 1971 में जिसकी शुरुआत की गई थी. यह एक बिजली परमाणु संयंत्र है, जिसको कि टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी चलाती है. 2011 में आई सुनामी से पहले इसमे छह परमाणु रिएक्टर थे, जो कि अब सिर्फ एक बचा है. यह भी पढ़ें: कब-कब सुनामी से तबाह हुआ जापान, यहां इतनी आपदाएं आती क्यों हैं?