रूस के कमचटका प्रायद्वीप के पास बुधवार को समुद्र में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप में पूरे प्रशांत क्षेत्र को हिला दिया है. इस भूकंप के झटके इतने जबरदस्त थे कि रूस और जापान के तटीय इलाकों में 4 मीटर तक ऊंची सुनामी लहरें उठी. रूसी प्रशासन में सख्त चेतावनी जारी करते हुए लोगों को तटीय इलाकों से हटने को कहा है. कई तटीय इमारतें इस सुनामी में डूब गई है और भारी मात्रा में पानी जमीन के अंदर घुस आया है. रूस की सखालिन क्षेत्र में स्थिति गंभीर हो गई है, जहां उत्तरी कुरील द्वीप में आपातकाल घोषित कर दिया गया है. वहीं, जापान के राष्ट्रीय मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी है कि लहरें और ऊंची हो सकती है और उन्होंने पूर्वी और उत्तरी तटीय शहरों को सतर्क रहने को कहा है. अमेरिका के मौसम विभाग में हवाई, गुआमा और कैलिफोर्निया के कुछ हिस्सों के लिए भी सुनामी अलर्ट जारी किया है. भारत भी अब भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने की तैयारी में जुट गया है. भारत में तैयार हो रहा पहला सुनामी प्रूफ मेट्रो स्टेशनऐसे समय में जब रूस और जापान जैसे देशों को समुद्र से उठती लहरें तबाह कर रही है. भारत का चेन्नई शहर समुद्र आपदाओं से बचाव के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. मरीना बीच के पास बन रहा लाइट हाउस मेट्रो स्टेशन देश का पहला ऐसा स्टेशन होगा जो पूरी तरह सुनामी प्रूफ होगा. चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड ने स्टेशन को विशेष यूरोपीय तकनीकी से डिजाइन किया है. जिसमें ऑटोमेटिक फ्लड गेट्स लगाए जा रहे हैं. यह गेट समुद्र का जलस्तर बढ़ने पर खुद-ब-खुद बंद हो जाएंगे ताकि समुद्री पानी स्टेशन के अंदर न आए. 2004 में आई सुनामी के बाद इस इलाके में सुरक्षा को लेकर कई चिंताएं उठाई गई थी जिन्हें ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है. मेट्रो स्टेशन का आधुनिक निर्माण और विशेषताएं लाइट हाउस मेट्रो स्टेशन की लंबाई 414 मीटर और चौड़ाई 35 मीटर है जो इसे चेन्नई सेंट्रल मेट्रो स्टेशन से भी बड़ा बनती है. यह स्टेशन 6 ट्रैकों के साथ 12 ट्रेनों के पार्किंग की सुविधा देता है और इसके प्लेटफार्म को कॉनकोर्स लेवल से ऊपर रखा गया है. वहीं फ्लेमिंगो नाम की टनल बोरिंग मशीन यहां 2 किलोमीटर लंबी सुरंग बना रही है जो स्टेशन के कचहरी रोड और थिरुमयिलाई मेट्रो स्टेशन से जोड़ेगी. चेन्नई मेट्रो के फेज टू के तहत इस कॉरिडोर को 2025 से 2028 के बीच आम जनता के लिए खोला जाएगा. सुनामी जैसे खतरे से निपटने की दिशा में भारत का पहला सशक्त कदम जहां रूस और जापान जैसी विकसित अर्थव्यवस्था आज भी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रही है. वहीं भारत आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में तकनीकी का उपयोग कर आगे बढ़ रहा है. चेन्नई का सुनामी प्रूफ स्टेशन न केवल भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बनाए जा रहा है बल्कि यह वैश्विक स्तर पर आपदा से निपटने की दिशा में एक मिशाल भी बन सकता है. ये भी पढ़ें- अगर आ जाए सुनामी तो सबसे पहले क्या करें, ऐसे बच सकती है जान