जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद से देश में राजनीति जोरों पर है. इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार (27 जुलाई 2025) को बताया कि यह उनके (धनखड़) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच का मामला है. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति हमेशा सरकार के पक्ष में थे.खरगे ने धनखड़ पर लगाया सरकार का पक्ष लेने का आरोपकांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पूछा कि क्या किसानों के पक्ष में बोलने के लिए धनखड़ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था? उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान धनखड़ ने लगातार सरकार का पक्ष लिया और विपक्ष को प्रमुख मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया.धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने को लेकर उन्होंने कहा, "हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. यह धनखड़ और मोदी के बीच का मामला है. उन्हें बताना चाहिए कि क्या हुआ था? जब हमने गरीबों, महिलाओं, दलितों और वंचितों के खिलाफ अत्याचारों और हिंदू-मुस्लिम झड़पों जैसी घटनाओं से संबंधित मुद्दों को नोटिस देकर उठाने की कोशिश की तो उन्होंने हमें मौका नहीं दिया."धनखड़ के इस्तीफे पर क्या बोले खरगे?जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की शाम अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गईं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा कि वह स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं.कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष को बदलने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में खरगे ने कहा, ‘‘ये सारी बातें अभी नहीं कही जा सकतीं... बाद में बोलेंगे.’’ वर्तमान में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार विस्तारित कार्यकाल के लिये कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष पद पर हैं. राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर उन्हें बदलने की आवाज उठ रही है, क्योंकि वह दो प्रमुख पदों पर हैं.ये भी पढ़ें : 'ॐ नमः शिवाय सुनता हूं तो खड़े हो जाते हैं रोंगटे', चोल सम्राट के जयंती कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी