क्या है आखिरत जिसे कहा जाता है दूसरी जिंदगी, जानिए क्या कहते हैं इस्लाम के सिद्धांत

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जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु है जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है. लेकिन अक्सर लोगों के मन में एक सवाल उठता है कि मृत्यु के बाद क्या होता है. आत्मा कहां जाती है शरीर त्यागने के बाद क्या होता है उस आत्मा का. इसे लेकर इस्लाम धर्म में एक शब्द है 'आखिरत', ये आखिरत है क्या और इसका मृत्यु से क्या संबंध है आइये समझते हैं  'आखिरत' का मतलब क्या हैइस्लाम धर्म में एक शब्द है आखिरत जो अरबी से लिया गया है इसका अर्थ है परवोक या दूसरी जिंदगी. आसान भाषा में समझें तो आखिरत वह जीवन है जो इस दुनिया की जिंदगी खत्म होने के बाद शुरू होता है. यह वह समय है जब इंसान के कर्मों का हिसाब होता है और उसे स्वर्ग या नरक में जगह मिलती है. इस्लाम के अनुसार यह दुनिया अस्थायी है, लेकिन आखिरत की जिंदगी अनंत और असली है. वहां इंसान को उसके अच्छे और बुरे कर्मों का फल मिलता है. इस्लाम में 'आखिरत' का महत्वइस्लाम में आखिरत की धारणा काफी महत्व रखती है. जिसमें मान्यता है कि हर इंसान की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा एक नई दुनिया में जाती है जिसे आखिरत कहते हैं. यह दुनिया अनंत है और इसमें इंसान को उसके अच्छे-बुरे कर्मों का फल मिलता है. यह विश्वास इंसान को नेकी करने और बुराई से बचने की प्रेरणा देता है.  आखिरत का विश्वास इंसान को नैतिकता और अच्छे कर्मों की ओर ले जाता है. यह सिखाता है कि इस दुनिया की जिंदगी अस्थायी है, लेकिन आखिरत की जिंदगी हमेशा के लिए है. आखिरत में आधात्यमित और नैतिक कार्यों को महत्व दिया जाता है जिससे मृत्यु के उपरान्त आखिरत में जन्नत मिले.जीवन पर प्रभावआखिरत का विश्वास इंसान को बुराइयों से बचने और अच्छाई अपनाने के लिए प्रेरित करता है. यह डर देता है कि बुरे कर्मों की सजा मिलेगी और उम्मीद कि अच्छे कर्म जन्नत दिलाएंगे. यह विश्वास सामाजिक सद्भाव को भी बढ़ाता है, क्योंकि लोग दूसरों की मदद और इंसाफ करने की कोशिश करते हैं.  इसे भी पढ़ें- समंदर की गोद में समा गया भारत का यह द्वीप, कभी बांग्लादेश भी इस पर करता था दावा