अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाइक किसने पार्क की थी, इसका कोई सबूत नहीं है. पत्थरबाजी किसने की, इसका कोई सबूत नहीं, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान किसने पहुंचाया, घटना के बाद पुलिस की बंदूक किसने छीनी, इन सभी आरोपों के कोई सबूत नहीं मिले हैं.