महाराष्ट्र के मालेगांव विस्फोट मामले के लगभग 17 साल बाद एनआईए की विशेष अदालत गुरुवार को फैसला सुनाया। यह सर्वाधिक संवेदनशील मामलों में से एक रहा है, क्योंकि इसमें हिंदू और भगवा आतंकवाद शब्दों का प्रयोग किया गया था।