ट्रंप के टैरिफ बम और बर्बाद अर्थव्यवस्था के तंज पर भारत ने दिया करारा जवाब! पीयूष गोयल ने 5 पॉइंट में दे डाला बड़ा मैसेज

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अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ 25 फीसदी टौरिफ लगाने और रूस के साथ उसके व्यापार के लिए जुर्माना लगाने की घोषणा की. ट्रंप ने BRICS के देशों पर नाराजगी व्यक्त के साथ-साथ भारत और रूस को डेड इकोनॉमी तक कह दिया. इस घटनाक्रम ने सभी को हैरान कर दिया है, क्योंकि कुछ दिन पहले तक ट्रंप भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर भरोसा जता रहे थे. इस बीच भारत की संसद से केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कड़ा संदेश दिया. उन्होंने दो टूक कहा कि भारत अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा करेगा. केंद्रीय मंत्री ने 5 ऐसे प्वाइंट्स का जिक्र किया जिससे अमेरिका को स्पष्ट संदेश चला गया.राष्ट्रीय हित से कोई समझौता नहींकेंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा कि किसी भी व्यापार समझौते पर सहमति तभी होगी जब भारत के राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, "सरकार हमारे किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, एमएसएमई और उद्योग के सभी वर्गों के कल्याण की रक्षा को सर्वोच्च महत्व देती है." उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा, "हम किसानों और भारतीय कृषि के कल्याण के लिए लगातार काम कर रहे हैं ताकि समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके."भारत-अमेरिका ट्रेड डील में एक बड़ी बाधा ये है कि ट्रंप चाहते हैं भारत अपने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोले, जो आर्थिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील हैं. भारत ने अपनी ओर से कहा है कि ये दोनों क्षेत्र व्यापार वार्ता के लिए उपयुक्त नहीं हैं.डेड इकोनॉमी वाले बयान पर भारत का पलटवारट्रंप ने सोशल ट्रूथ पर पोस्ट कर कहा, "भारत और रूस अपनी डेड इकोनॉमी को एक साथ गर्त में ले जा सकते हैं. मुझे परवाह नहीं है कि भारत, रूस के साथ क्या करता है. हमने भारत के साथ बहुत कम व्यापार किया है, उनके शुल्क बहुत अधिक हैं. हमने भारत के साथ बहुत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं.संसद में पीयूष गोयल के ट्रंप के इस बयान का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, मात्र एक दशक से भी कम समय में भारत ‘फ्रेजाल फाइव’ (पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं) से निकलकर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है. उन्होंने वैश्विक दुनिया में भारत के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं और अर्थशास्त्री भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक ‘ब्राइट स्पॉट’ के रूप में देखते हैं. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक विकास में लगभग 16 फीसदी का योगदान दे रहा है."जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारतअंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार मौजदा वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. आईएमएफ के अनुमान यह भी संकेत देते हैं कि आने वाले सालों में भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमारे सुधारों, हमारे किसानों, एमएसएमई और उद्यमियों की कड़ी मेहनत की बदौलत हम 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गए हैं. हम कुछ सालों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे."आत्मनिर्भर बन रहा भारतकेंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात जोर दिया कि भारत आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. पिछले दशक में सरकार ने 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत भारत को विश्व के मैन्युफैक्चरिंग केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के लिए परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं.उन्होंने कहा, "सरकार उद्योगपतियों से बात कर रही है. हम देश को सुरक्षित रखने के लिए सारे कदम उठाएंगे. हमें विश्वास है कि हम 2047 तक विकसित देश बन जाएंगे. हमारे निर्यात में बढ़ौतरी हुई है. हम किसानों के लिए कार्य कर रहे हैं."'ट्रेड डील पारस्परिक रूप से लाभकारी होने चाहिए'केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने  मार्च से शुरू होने वाले व्यापार समझौते के लिए भारत और अमेरिका के बीच हुई कई दौर की बातचीत पर विस्तार से बात की. उन्होंने कहा, "दोनों पक्षों के बीच दिल्ली और वाशिंगटन में आमने-सामने की चार बैठकें हुईं. कई बार डिजिटल माध्यम से बातचीत हुई."केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "पिछले 11 वर्षों में हमारे निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हुई है. भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया और EFTA (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) देशों के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते किये हैं.हम अन्य देशों के साथ भी इसी तरह के व्यापार समझौते करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."उनके इस बयान से साफ संदेश था कि भारत दोनों देशों के लिए लाभकारी सौदों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. केंद्रीय मंत्री के बयान में अमेरिका के लिए इशारा भी था कि ट्रेड डील को लेकर भारत के द्वार खुले हुए हैं.