महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 में हुए विस्फोट मामले में 17 साल की लंबी सुनवाई के बाद मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि "सिर्फ संदेह के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता", और अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा.