सऊदी अरब ने अपने देश के आर्थिक विकास के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए अपनी रियल एस्टेट मार्केट को विदेशी नागरिकों के लिए खोल दिया है. इसके तहत विदेशी नागरिक या कंपनियां अब यहां प्रॉपर्टी खरीद सकेंगे. यह कदम सऊदी अरब के विजन 2030 का हिस्सा है. लेकिन क्या मक्का और मदीना में आप प्रॉपर्टी ले सकते हैं. आइये जानते हैं सऊदी के नए प्रॉपर्टी लॉ के बारे में. कौन खरीद सकता है प्रॉपर्टी?वो विदेशी नागरिक जो सऊदी अरब में कानूनी रूप से रह रहे हैं वो विदेशी नागरिक मक्का और मदीना को छोड़कर देश के अन्य शहरों में प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं. वो विदेशी कंपनियां जो सऊदी में व्यापार कर रही हैं अपने कार्यालय या कर्मचारियों के लिए प्रॉपर्टी खरीद सकती हैं. इसके अलावा दूतावास और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं सरकारी मंजूरी के बाद ऑफिस के लिए संपत्ति ले सकती हैं.मक्का मदीना में पाबंदी क्यों?बता दें कि मक्का और मदीना जैसे पवित्र शहरों में प्रॉपर्टी खरीदने के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है यहां के नियम अभी भी सख्त हैं. गैर-मुस्लिमों को इन शहरों में व्यक्तिगत उपयोग के लिए प्रॉपर्टी खरीदने की अनुमति नहीं है. मुस्लिम नागरिकों को भी खास परिस्थितियों और कड़ी शर्तों के तहत ही यहां प्रॉपर्टी का मालिकाना हक मिलेगा. इन शहरों में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखने के लिए ये प्रतिबंध लागू किए गए हैं. ऐसे में नियम के मुताबिक कोई भी विदेशी यहां प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकता मक्का मदीना जैसे शहरों में प्रॉपर्टी खरीद पर प्रतिबंध रहेगा.क्या है नया कानून?नए कानून के तहत, प्रॉपर्टी खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. विदेशी खरीदारों को प्रॉपर्टी खरीद पर 5 प्रतिशत तक का ट्रांसफर शुल्क देना होगा. अगर कोई नियम तोड़ता है, तो उस पर भारी जुर्माना लग सकता है साथ ही सरकार प्रॉपर्टी भी जब्त कर सकती है. विशेष प्रवर्तन समिति के निर्णय के खिलाफ 60 दिनों के भीतर अदालत में अपील की जा सकेगी. सऊदी सरकार अगले छह महीनों में विस्तृत नियम और प्रक्रिया जारी करेगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि किन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी खरीदी जा सकती है, आवेदन कैसे करना है और किन दस्तावेजों की जरूरत होगी.कब जारी होंगे नियम?सरकार अगले 6 महीने में डिटेल नियम प्रोसेस समेत तमाम आवश्यक जानकारी जारी कर सकती है. इसका मकसद तेल पर निर्भरता को कम करके बाकी एरिया को बेहतर बनाना है.इसे भी पढ़ें- कौन थे हेमंत करकरे जिन्होंने की थी मालेगांव ब्लास्ट की जांच, 26/11 आतंकी हमले में हुए थे शहीद