माता-पिता की सेवा के लिए कहां मिलती है सबसे ज्यादा छुट्टियां? भारत में अभी-अभी बना यह नियम

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हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को राहत की खबर दी है. अब केंद्रीय कर्मचारी अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल या अन्य निजी कारणों के लिए हर साल 30 दिन की अर्जित छुट्टी ले सकते हैं. यह जानकारी केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 24 जुलाई 2025 को राज्यसभा में दी. यह प्रावधान केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 के तहत लागू है. भारत में तो ये नियम अभी आया लेकिन दूसरे देशों में इसे लेकर किस तरह के नियम हैं आइये जानते हैं. इन देशों में क्या नियमबता दें कि अमेरिका में फैमिली एंड मेडिकल लीव एक्ट के तहत कुछ कर्मचारियों को परिवार के सदस्यों की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के दौरान देखभाल के लिए 12 सप्ताह तक की अवैतनिक छुट्टी देता है. कनाडा में भी संघीय श्रम संहिता के तहत कर्मचारियों को परिवार के किसी गंभीर रूप से बीमार सदस्य की देखभार से लिए छुट्टी मिल सकती है. स्वीडन, नॉर्वे और जर्मनी जैसे देशों में कर्मचारियों को परिवार के बीमार सदस्यों की देखभाल के लिए छुट्टी लेने की अनुमति है. जापान में भी कर्मचारियों को परिवार के किसी बीमार सदस्यों की देखभाल के लिए अवकाश मिलता है.भारत में केंद्रीय कर्मचारियों के छुट्टी के नियमअर्जित छुट्टी मे केंद्रीय कर्मचारियों को हर साल 30 दिन की अर्जित छुट्टी मिलती है. यह छुट्टी कर्मचारियों को व्यक्तिगत कारणों के लिए दी जाती है जैसे परिवार की देखभाल, बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल, यात्रा या अन्य निजी कामों के लिए. अर्ध वेतन छुट्टी में कर्मचारियों को प्रतिवर्ष 20 दिन की अर्ध वेतन छुट्टी मिलती है.  इस छुट्टी में कर्मचारी को आधा वेतन मिलता है और इसे चिकित्सा या अन्य विशेष कारणों के लिए लिया जा सकता है. आकस्मिक छुट्टी में हर साल 8 दिन की आकस्मिक छुट्टी दी जाती है.  यह छोटी अवधि की छुट्टी होती है, जो अचानक जरूरत पड़ने पर जैसे व्यक्तिगत काम या आपात स्थिति के लिए ली जा सकती है. प्रतिबंधित अवकाश के अंतर्गत कर्मचारियों को 2 दिन का प्रतिबंधित अवकाश मिलता है. जो कर्मचारी अपनी पसंद के त्योहारों या धार्मिक अवसरों के लिए चुन सकते हैं.इसे भी पढ़ें- दुनिया का सबसे भारी बम कौन-सा है? जानें किस देश की सेना करती है इस्तेमाल