भारत में विमान हादसे तेजी से बढ़ रहे हैं. बीते दिनों भारत में विमानों में हुई तकनीकी खराबियां और हादसे भी चर्चा का विषय बने हुए हैं. DGCA, जो भारत में नागरिक उड्डयन की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है ने हाल ही में पिछले पांच साल (2021 से जून 2025 तक) के विमान हादसों और तकनीकी खराबियों के आंकड़े साझा किए हैं. ये आंकड़े न केवल चिंताजनक हैं, बल्कि विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल भी उठाते हैं. आइये जानते हैं पिछले पांच साल में विमानों में कितनी बार तकनीकी दिक्कतें आईं और सबसे ज्यादा किस साल में.DGCA के आंकड़े बेहद चौंकाने वालेDGCA के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच साल में विमानों में कुल 2,094 तकनीकी खराबियों की जांच की गई है. इनमें से कुछ गंभीर हादसे थे, तो कुछ गंभीर घटनाएं जो हादसा बनने से बाल-बाल बचीं. आइए बीते पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालते हैं. 2021 में 514 तकनीकी खराबियां रिपोर्ट की गई. 2022 में 528, 2023 में 448 तकनीकी खराबियां आईं, 2024 में 421 और 2025 जून तक 183 तकनीकी खराबियां सामने आई हैं.सबसे ज्यादा दिक्कतों वाला सालDGCA के आंकड़ों से स्पष्ट है कि 2022 में सबसे ज्यादा 528 तकनीकी खराबियां दर्ज की गईं, जो पिछले पांच साल में सबसे अधिक हैं. इन आंकड़ों में ये बात भी सामने आई कि सबसे ज्यादा खामियां एयर इंडिया और एयर इंजिया एक्सप्रेस फ्लाइट्स में थीं. सिर्फ साल 2004 में एयर इंडिया समूह की उड़ानों में 250 से ज्यादा तकनीकी परेशानियां सामने आईं प्रमुख कारणDGCA और विशेषज्ञों के अनुसार, इन तकनीकी खराबियों में इंजन खराबी, लैंडिंग गियर की गड़बड़ी, उड़ान के दौरान सिस्टम अलर्ट जैसी समस्याएं देखने को मिली थी. हालांकि अधिकांश खामियों को उड़ान भरने से पहले ही सही कर लिया गया. DGCA जो भारत में विमानन सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है अब अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के मानकों के साथ अपने नियमों को संरेखित कर रहा है. यह कदम भारत के विमानन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी और सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है.यात्री शिकायतों की स्थितिDGCA ने पिछले पांच साल में विमान यात्रियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों की भी जानकारी दी गई है. वर्ष 2021 में 4131, 2022 में 3783, 2023 में 5513, 2024 में 4016 और 2025 जून तक 3925 शिकायतें की गई हैं. इन शिकायतों में मुख्य रूप से सेवा में देरी, रद्द की गई उड़ानें, रिफंड में देरी, खराब ग्राहक सेवा, तकनीकी खराबियां और सामान से संबंधित समस्यायें क्षति शामिल हैं.इसे भी पढ़ें- भारत के 1000 रुपये से मालदीव में क्या-क्या खरीद सकते हैं, कितनी कमजोर है यहां की करेंसी?