एक लीक फोन कॉल से थाईलैंड-कंबोडिया में जंग छिड़ी:शिव मंदिरों के लिए दोस्त से दुश्मन बने पड़ोसी, अब तक 33 की मौत

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तारीख- 28 मई जगह- एमरॉल्ड ट्राइंगल (थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस बॉर्डर) थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सुबह 6 बजे मुठभेड़ शुरू हुई। दस मिनट तक चली गोलीबारी में कंबोडियाई सेना के लेफ्टिनेंट सुओन रौन की मौत हो गई। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगाया। इस घटना के बाद थाईलैंड और कंबोडिया ने सीमा पर और ज्यादा सैनिक तैनात कर दिए। इसे शांत करने के लिए थाईलैंड की तत्कालीन पीएम पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने 15 जून को कंबोडिया के पूर्व पीएम हुन सेन को फोन लगाया। दोनों नेताओं के बीच 17 मिनट बात हुई जो कि लीक हो गई। इससे थाईलैंड में हंगामा मच गया और सिर्फ 15 दिन के भीतर शिनवात्रा को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी और आखिर में 24 जुलाई को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष शुरू हो गया। इस संघर्ष को 4 दिन हो चुके हैं। जिसमें अब तक 33 लोग मारे जा चुके हैं और 2 लाख से ज्यादा विस्थापित हुए हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि उनकी पहल पर दोनों देश सीजफायर वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। स्टोरी में जानिए आखिर उस फोन कॉल की रिकॉर्डिंग में क्या था, जिसकी वजह से शिनवात्रा को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी और फिर दोनों देशों के बीच जंग शुरू हो गई... थाईलैंड और कंबोडिया में 118 साल पुराना विवाद साल 1907 में जब कंबोडिया फ्रांस के अधीन था तब दोनों देशों के बीच 817 किमी की लंबी सीमा खींची गई थी। थाईलैंड ने इसका विरोध किया, क्योंकि नक्शे में प्रीह विहियर (प्रिय विहार) मंदिर कंबोडिया के हिस्से में दिखाया गया था। वहीं, ता मुएन थॉम मंदिर को थाईलैंड में दिखाया गया, जबकि कंबोडिया इसे अपना मानता है। ऐसे में दोनों ही देश सीमा विभाजन से खुश नहीं थे। इस पर दोनों देशों में विवाद चलता रहा। हालांकि इस विवाद के बावजूद दोनों देशों के नेताओं के बीच अच्छे संबंध रहे हैं। दो देशों के परिवार की दोस्ती, दुश्मनी में बदली थाइलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा और कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन पुराने दोस्त रहे हैं। दोनों की दोस्ती 1990 के दशक में शुरू हुई, जब थाकसिन ने अपनी कंपनी के जरिए कंबोडिया में निवेश किया। थाकसिन 2001 में थाईलैंड के प्रधानमंत्री बने, लेकिन 2006 में थाई सेना ने तख्तापलट कर उन्हें सत्ता से हटा दिया। थाकसिन को देश छोड़कर भागना पड़ा। तब हुन सेन ने ही उन्हें कंबोडिया में शरण दी थी। हुन सेन ने साल 2009 में थाकसिन को कंबोडिया का आर्थिक सलाहकार भी बनाया था। यही वजह थी कि जब 28 मई को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद शुरू हुआ तो इसे सुलझाने के लिए थाकसिन शिनवात्रा की बेटी और थाईलैंड की तत्कालीन पीएम पाइतोंग्तार्न ने कंबोडिया के पूर्व राष्ट्रपति हुन सेन को फोन किया। हुन सेन ने साल 2023 में अपने बेटे हुन मैनेट को प्रधानमंत्री पद सौंप दिया था और खुद संसद के अध्यक्ष बन गए। प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद भी हुन सेन को देश का सबसे ताकतवर नेता माना जाता है। यही वजह थी कि पीएम ने सीधे हुन सेन से बात की, लेकिन बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक हो गई। हुन सेन और पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा की कॉल रिकॉर्डिंग... हुन सेन ने कॉल रिकॉर्डिंग लीक कर दी हुन सेन ने इस कॉल को रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद उन्होंने ये कॉल रिकॉर्डिंग करीब 80 थाई और कंबोडियाई अधिकारियों को शेयर कर दिया। इन 80 लोगों में राजनेता, सैन्य अधिकारी और कुछ पत्रकार भी शामिल थे। 18 जून को यह रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर लीक हो गई। फेसबुक, यूट्यूब और थाई मीडिया में इस रिकॉर्डिंग के हिस्से वायरल हो गए। शुरुआत में किसी को पता नहीं चला कि ये रिकॉर्डिंग वायरल कैसे हुई। इसके बाद हुन सेन ने कॉल रिकॉर्ड करने और उसे 80 लोगों को भेजने की बात मानी। हुन सेन ने कहा कि उनकी रिकॉर्डिंग का 9 मिनट का हिस्सा वायरल हुआ है। अगर थाई सरकार चाहे तो वे 17 मिनट की पूरी बातचीत शेयर कर सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह रिकॉर्डिंग गलतफहमी से बचने के लिए थी। पाइतोंग्तार्न के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग इस कॉल लीक के बाद थाईलैंड में पाइतोंग्तार्न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। सेना प्रमुख की आलोचना के कारण लोगों में यह मैसेज गया कि थाई पीएम अपनी ही सेना के खिलाफ हैं। लोगों ने पाइतोंग्तार्न को हटाने की मांग शुरू कर दी। देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए। सेना ने PM पर आरोप लगाया कि वे देश की रक्षा नहीं कर सकतीं। पाइतोंग्तार्न को पीएम पद से हटाया थाईलैंड में हर दिन PM के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे। PM पर कंबोडिया के सामने झुकने और सेना को कमजोर करने का आरोप लग रहा था और उन्हें पद छोड़ने को कहा जा रहा था। पाइतोंग्तार्न की लोकप्रियता कम होते देख उनके गठबंधन में शामिल 2 पार्टियों ने उनसे समर्थन वापस ले लिया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गंभीर माना और 1 जुलाई को पीएम शिनवात्रा को पद से हटा दिया। शिव मंदिर को लेकर बौद्ध देशों में संघर्ष बढ़ा उधर, हुन सेन और कंबोडियाई सरकार देश में यह प्रचारित कर रही थी कि थाईलैंड में पीएम की नहीं चल रही है और सेना उनके कंट्रोल में नहीं है। ऐसे में वे भी पीछे नहीं हटेंगे। इसी दौरान कंबोडिया ने सीमावर्ती इलाकों में गश्त बढ़ा दी। अपनी प्रतिष्ठा और बॉर्डर पर कंट्रोल हासिल करने के लिए थाई सेना ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। इसी बीच 24 जून को थाईलैंड और कंबोडिया सीमा पर बने 900 साल पुराने शिव मंदिर (प्रासात ता मुएन थॅाम) के पास दोनों देशों की झड़प हो गई। दोनों देश इस मंदिर पर अपना हक जताते हैं। यह मंदिर थाईलैंड के नक्शे में आता है, लेकिन कंबोडिया इसे अपनी धरोहर मानता है। कंबोडिया ने आरोप लगाया कि थाई सैनिकों ने गुरुवार सुबह 6:30 बजे मंदिर के चारों तरफ कंटीली तार लगा दी। इसके बाद करीब 7.00 बजे एक ड्रोन छोड़ा और लगभग 8.30 बजे हवाई फायरिंग की। इसके बाद उन्हें जरूरी कार्रवाई करनी पड़ी। इस जंग में अब तक 33 लोग मारे जा चुके हैं और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। दोनों देश एक दूसरे पर जंग को बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं। UN सुरक्षा परिषद की जंग को लेकर इमरजेंसी बैठक भी हुई है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं मिला है। मंदिरों के बारे में जानिए जिसे लेकर दोनों देशों में विवाद हैं ... टाइमलाइन से जानिए अब तक क्या हुआ... ------------------------------------------------------------ सोर्स- How one phone call could lead to Thai PM’s downfall - ABC Asia https://www.abc.net.au/news/2025-06-19/thailand-government-on-brink-of-collapse-after-leaked-phone-call/105434790 https://www.nationthailand.com/news/general/40050923 https://asia.nikkei.com/Video/Audio-Leaked-phone-call-that-led-to-Thai-PM-Paetongtarn-s-suspension ------------------------------------------------------------------ ये खबर भी पढ़ें.... ट्रम्प बोले- थाईलैंड-कंबोडिया सीजफायर पर राजी: दोनों देशों की जंग भारत-पाकिस्तान संघर्ष की याद दिलाती है, जिसे हमने रोका था अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को दावा किया कि थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं ने तुरंत सीजफायर वार्ता पर सहमति दे दी है। ट्रम्प ने कहा कि यह वॉर मुझे भारत-पाक संघर्ष की याद दिलाती है, जिसे हमने कामयाबी से रोका था। पूरी खबर पढ़ें...