ये हैं दुनिया के सबसे खतरनाक देश, यहां खुद को सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करते हैं लोग

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अगर आप विदेश की यात्रा की तैयारी कर रहे हैं या किसी नए देश में बसने की सोच रहे हैं तो अक्सर आपके मन में उस देश में सुरक्षा को लेकर ख्याल जरूर आता होगा. दुनिया भर में लोगों की सुरक्षा को लेकर क्या सोच है इसका खुलासा हाल ही में न्यूम्बियो की क्राइम इंडेक्स रिपोर्ट 2025 में हुआ है. यह रिपोर्ट बताती है कि किन देशों में लोग खुद को सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करते हैं. खास बात यह है कि यह आंकड़े किसी सरकारी या पुलिस विभाग के नहीं बल्कि आम लोगों की राय पर आधारित है. क्या है क्राइम इंडेक्स न्यूम्बियो का यह क्राइम इंडेक्स दरअसल एक क्राउड सोर्स्ड रेटिंग सिस्टम है जो दुनिया के नागरिकों से मिले फीडबैक के आधार पर तैयार किया गया है. इसमें यह आंका गया है कि किसी देश में लोग कितनी सुरक्षा महसूस करते हैं खास कर रात के समय में अकेले बाहर निकलने पर. इस रिपोर्ट में अपराध की आशंका, लूटपाट, यौन उत्पीड़न, हत्या, चोरी और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दे को ध्यान में रखते हुए रेटिंग दी गई है. इस स्कोर को जीरो से सौ के पैमाने पर मापा गया है. जहां जीरो का मतलब बहुत सुरक्षित और सौ का मतलब बहुत असुरक्षित है. यह है दुनिया के सबसे खतरनाक देश न्यूम्बियो की क्राइम इंडेक्स 2025 के अनुसार, दुनिया के जिन देशों में लोग खुद को सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करते हैं उनमें सबसे ऊपर हैती देश है. जहां सुरक्षा को लेकर लोगों की चिंता सबसे ज्यादा देखी गई है. इसके बाद पापुआ न्यू गिनी और वेनेजुएला जैसे देश है. जहां क्राइम लेवल बहुत ज्यादा महसूस किया गया है. अफगानिस्तान और दक्षिण अफ्रीका भी इस लिस्ट में शामिल है. जहां लोग हिंसा और अपराध की घटनाओं को लेकर बहुत असुरक्षित महसूस करते हैं. इसके अलावा होंडुरास, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, सीरिया और जमैका जैसे देश भी सूची में शामिल है. जहां नागरिकों को सार्वजनिक स्थान पर अपराध का डर बना रहता है. इन देशों में न केवल संपत्ति संबंधी अपराध ज्यादा है बल्कि यौन, हिंसा और हत्याओं जैसी गंभीर घटनाएं भी आम है. कुल मिलाकर इन देशों की स्थिति ऐसी है कि वहां के लोग दिन में तो किसी तरह खुद को संभाल लेते हैं लेकिन रात के समय अकेले निकलना उन्हें खतरे से खाली नहीं लगता. कैसी है भारत की स्थिति भारत इस लिस्ट के टॉप 10 सबसे असुरक्षित देश में शामिल नहीं है, लेकिन भारत को मॉडरेट क्राइम वाले देशों की श्रेणी में रखा गया है. यानी यहां अपराध का स्तर न तो बहुत ज्यादा है न बहुत कम. भारत में खास तौर पर महानगरों और ज्यादा आबादी वाले इलाकों में सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है. सरकारी आंकड़ों से अलग है यह रिपोर्ट इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सरकारी आंकड़े कई बार पूरे सच को सामने नहीं लाते हैं. कई देशों में लोग पुलिस पर भरोसा नहीं करते और अपराधों की रिपोर्ट ही नहीं करते हैं. कुछ सरकारें तो अपने राजनीतिक फायदे के लिए आंकड़े छिपा भी लेती है. ऐसे में यह क्राइम इंडेक्स लोगों की महसूस की गई असुरक्षा पर आधारित है जो असल जिंदगी में ज्यादा प्रभावशाली होता है. क्यों जरूरी है यह रिपोर्ट सुरक्षा सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है. यह लोगों की सोच और उनके अनुभव से जुड़ा विषय है. यह रिपोर्ट बताती है कि कहीं जाने या वहां बसने से पहले यह जानना जरूरी है कि वहां के स्थानीय लोग खुद को कितना सुरक्षित महसूस करते हैं. ऐसे में जब अगली बार आप किसी नए देश मैं जाने की सोच तो सरकारी आंकड़ों से ज्यादा वहां के लोगों की भावनाओं को समझें. क्योंकि असुरक्षा सिर्फ आंकड़ों में नहीं जिंदगी में भी महसूस होती है.ये भी पढ़ें- ऑपरेशन सिंदूर से लेकर महादेव तक... मिलिट्री ऑपरेशन को कौन देता है इतने यूनीक नाम, क्या होता है प्रॉसेस?