भारत रक्षा पर्व: बिना किसी हथियार के, हाथ में सिर्फ वॉकी-टॉकी...और भिड़ गई आतंकियों से, 11 गोलियां खाकर बचाई कई नेताओं की जान

Wait 5 sec.

13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले में कांस्टेबल कमलेश कुमारी यादव ने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों का सामना किया। उन्होंने गेट नंबर 1 पर संदिग्ध गतिविधि देखी और आतंकियों को रोकने का प्रयास किया जिसके चलते उन्हें कई गोलियां लगीं। उनकी बहादुरी के कारण संसद के दरवाजे बंद हो गए और एक बड़ा नरसंहार टला। मरणोपरांत उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।