9 सितंबर, 2014 को अधीनस्थ न्यायालय ने जबलपुर निवासी विद्या बाई को उसके पति सुरेंद्र उपाध्याय की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। जिसके विरुद्ध अपील पर आठ जनवरी, 2020 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने यह मानते हुए सजा निलंबित कर दी थी कि अभियोजन पक्ष हत्या साबित करने के लिए पूरी प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया।