यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को राहत, कथित फर्जी डिग्री मामले दाखिल याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ फर्जी डिग्री का आरोप लगाने वाली याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 7 जुलाई को आए इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने से मना किया है. हाई कोर्ट ने दिवाकर नाथ त्रिपाठी की याचिका को खारिज करते हुए उसे दुर्भावना से दाखिल बताया था.हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी की अपील सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच में लगी थी. जजों ने हाई कोर्ट के फैसले में बदलाव से मना कर दिया.निचली अदालत ने मामले में एफआईआर दर्जयाचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि केशव प्रसाद मौर्य ने चुनाव लड़ने और पेट्रोल पंप डीलरशिप पाने के लिए फर्जी डिग्री जमा की. 4 सितंबर, 2021 को निचली अदालत ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने से मना कर दिया था. ACJM कोर्ट ने कहा था कि मौर्य के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है. शिकायतकर्ता को लेकर कोर्ट का रूखइस आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका हाई कोर्ट ने भी ठुकरा दी थी. हाई कोर्ट ने कहा था कि शिकायतकर्ता इस मामले में प्रभावित पक्ष नहीं हैं. ऐसा लगता है कि उसने दुर्भावनापूर्ण मकसद से कार्यवाही शुरू की. शिकायतकर्ता का उद्देश्य कुछ लाभ उठाना या मौर्य को परेशान करना लगता है.ये भी पढ़ें:- राहुल गांधी के 'वोट चोरी' वाले बयान पर चुनाव आयोग बोला- 'बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना आरोप'