यदि नैनीझील का इतिहास देखें तो यह स्थिति पहले भी सामने आ चुकी है. 3 जुलाई 2010 को नैनीताल में निवास करने वाले समुदाय विशेष द्वारा मंगुरा मछली झील में छोड़ी गई थी, जिसके बाद तत्कालीन झील विकास प्राधिकरण ने 22 जून तक 39 मंगुरा मछलियों को बाहर निकाला था. यह स्पष्ट करता है कि यदि समय रहते कार्रवाई न की जाए, तो झील का संतुलन पूरी तरह बिगड़ सकता है.