मॉनसून के समय अक्सर आपने सांप काटने की घटनाएं सुनी होंगी. ग्रामीण क्षेत्र में सांप काटने की घटनाएं सबसे ज्यादा होती है. बारिश के समय सांप अपने बिलों से बाहर निकलते हैं जिसके चलते कभी कभी इंसान इन सांपों का शिकार हो जाते हैं. सांप काटने से हर साल 1 लाख मौतेंविश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर में सांपों के काटने से 80 हजार से 1 लाख 30 हजार लोगों की मौत होती है जिसमें औसतन 50 से 60 हजार लोग भारत के होते हैं. आपको बता दें कि भारत में सांपों की 300 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें से 66 प्रजाति के सांप ऐसे होते हैं जो जहरीले होते हैं. बाकी 42 प्रजाति के सांप कम जहरीले और सांपों की 23 प्रजातियां ऐसी होती है जिनके काटने से व्यक्ति की मौत हो जाती है.भारत की क्या है स्थितिभारत में सांप से मौत की संख्या अधिकतर ग्रामीण इलाकों में होती है देश में सांपों से मौत के आंकड़े बेहत चिंताजनक हैं. मॉनसून में सांपों के काटने की संख्या और अधिक बढ़ जाती है. बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 30 से 40 लाख मामले सांप काटने के आते हैं और सर्पदंश से हर साल 58 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. जो दुनिया में सबसे ज्यादा सांप के काटने से मौत की घटना के आंकड़े हैं. भारत के बाद दूसरे नंबर पर अफ्रीकी देश नाइजीरिया आता है. जहां आंकड़ा 1,460 है.सांप काटने पर क्या होता है?सांप काटने से शरीर पर बहुत तेज दर्द होता है सांप कटे हुए भाग पर सूजन आ जाती है. सांप का जहर तेजी से शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंच जाता है जिससे कई समस्याएं पैदा हो जाती है. यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है समय पर इलाज ना मिलने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने जताई चिंतासांपों से मौत और अपंगता पर विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने गंभीर चिंता जताई है. ने 2030 तक सांप काटने से होने वाली मौत और अपंगता को कम करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए टीमें बनाई गई हैं. जिसमें लोगो को जागरुक करना, अस्पतालों को मजबूत करना और पैसे की मदद करना जैसी चीजें शामिल हैं. WHO का मानना है कि सर्पदंश की मौतों से सबसे ज्यादा गरीब तबका प्रभावित है खासकर किसान, मजदूर जो जोखिम भरे जगहों पर काम करता है.इसे भी पढ़ें- किसी आतंकी संगठन पर बैन लगाने से क्या मिलता है फायदा, किन चीजों पर पड़ता है असर?