अब रात में भी दुश्मनों की खैर नहीं... बांग्लादेश सीमा पर BSF को मिले खास कैमरे

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Written by:Rakesh Ranjan KumarLast Updated:July 27, 2025, 21:35 ISTइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटन्यूज़ बुलेटिनसीमा पर निगरानी करते बीएसएफ के जवान. (फाइल फोटो)नई दिल्ली. भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसफ) के जवानों को 5,000 से अधिक ‘बॉडी वॉर्न कैमरे’ उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि ड्यूटी पर तैनात जवान अपराधियों द्वारा किए गए हमलों के अलावा अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजने के दृश्य और साक्ष्य रिकॉर्ड कर सकें. सुरक्षा प्रतिष्ठान के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 4,096 किलोमीटर सीमा पर बल की चुनिंदा सीमा चौकियों (बीओपी) को भी बायोमेट्रिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है ताकि वे अवैध बांग्लादेशियों के अंगुलियों के निशान और आंखों की पुतलियों की तस्वीर ले सकें और ये आंकड़े विदेशी पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ) के साथ साझा किया जा सके.इस मोर्चे पर बीएसएफ की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दो नीतिगत निर्णय पांच अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के मद्देनजर लिए गये. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा स्थिति की ‘व्यापक समीक्षा’ के बाद बीएसएफ मुख्यालय के इन दो प्रस्तावों को मंजूरी दी है.सूत्रों के अनुसार, भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात बीएसएफ जवानों को दो चरण में लगभग 5,000 ‘बॉडी वॉर्न कैमरे’ (ऐसे कैमरे जिन्हें जवान हेल्मेट या वर्दी में धारण कर सकें) भेजे जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि ये रात के अंधेरे में भी देखने में सक्षम कैमरे लगभग 12-14 घंटे की फुटेज रिकॉर्ड कर सकते हैं.सूत्रों ने बताया कि ये कैमरे उन तथ्यों और सबूतों को रिकॉर्ड करने में मददगार होंगे जब बीएसएफ के जवान अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजेंगे या मानव तस्करी और घुसपैठ के अलावा मादक पदार्थ, मवेशी और जाली भारतीय मुद्रा की तस्करी जैसे सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए बदमाशों से निपटेंगे. सूत्रों ने बताया कि ये रिकॉर्डिंग उन मामलों में भी सबूत के तौर पर काम करेंगी जहां बीएसएफ जवानों पर दोनों देशों के अपराधियों द्वारा हमला किया जाता है.About the AuthorRakesh Ranjan Kumarराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ेंराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h... और पढ़ेंhomenationअब रात में भी दुश्मनों की खैर नहीं... बांग्लादेश सीमा पर BSF को मिले खास कैमरेऔर पढ़ें