जिले में सरकारी स्कूलों के भवनों की हालत ज्यादा अच्छी नहीं है। दूसरे शब्दों में कहें की कि कई स्कूलों के कक्ष तो इतने जर्जर हैं कि उन कक्षों में छात्रों को बैठना भी बंद कर दिया है। बावजूद जिन स्कूलों के भवन बन भी चुके हैं, लेकिन उन्हें पुराने भवनों से शिफ्ट नहीं किया गया है।