न तो ये देसी हैं, न ही सीधी सादी- जानिए भारत की सबसे तीखी मिर्चों की कहानी

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भारत में मिर्ची केवल मसाला नहीं बल्कि एक तीखी संस्कृति है. यह छोटी सी दिखने वाली चीज न केवल स्वाद में तीखी होती है बल्कि इसके पीछे एक लंबा इतिहास और गहराई से जुड़ी कहानियां भी छिपी है. ऐसे में आज हम बात करें करेंगे भारत की उन मिर्चों की जो स्वाद, रंग और तीखेपन तीनों में लाजवाब है. लेकिन जिन्हें अक्सर लोग भारतीय मानते हैं वह असल में भारतीय मूल की है ही नहीं. विदेशी थी शुरुआत लेकिन भारतीय हो गई दिल से कई लोग अक्सर यह सोचते हैं कि मिर्च भारत की ही देन है लेकिन ऐसा नहीं है. इतिहासकारों का मानना है कि मिर्च भारत में पुर्तगालियों के जरिए आई थी. जब 1498 में वास्को डि गामा कालीकट पहुंचे तो वह अपने साथ केवल काली मिर्च नहीं बल्कि कुछ सालों बाद मिर्च के बीज भी लेकर आए. 1530 के आसपास गोवा में मिर्च की तीन किस्में उगाई जाने लगी जिन्हें पर्नांबुको पेपर या गोवाई मिर्च कहा जाता था. हर राज्य की मिर्च का अलग अंदाज भारत में आज 100 से भी ज्यादा किस्म की मिर्ची उगाई जाती है. इनमें भी हर एक का अपना स्वाद, सुगंध और तीखापन होता है. खासतौर पर पूर्वोत्तर भारत की मिर्चें तो अपनी तीव्रता के लिए दुनिया भर में मशहूर है. नागालैंड की भूत जोलोकिया राजा मिर्च कभी दुनिया के सबसे तीखी मिर्च मानी जाती थी. आज यह सकॉविल स्केल पर चौथे स्थान पर है. वहीं इसे  भूटान से जोड़कर देखा जाता है. इसके अलावा सिक्किम दल्ले खुरसानी  छोटी लेकिन एक जबरदस्त तीखी मिर्च होती है. वहीं इसका स्वाद बहुत जटिल और गहरा होता है. वहीं मणिपुर की हाथेई  मिर्च को सिराराखोंग मिर्च भी कहते हैं. यह भी स्वाद में तीखी और रंग में गहरी लाल होती है. तीखा ही नहीं रंग और स्वाद में भी खास भारत की मिर्ची केवल तीखी नहीं होती बल्कि इनमें स्वाद और रंग भी अलग-अलग होते हैं. जैसे कश्मीरी सूखी लाल मिर्च ज्यादा तीखी नहीं होती लेकिन इसका रंग खाने को और भी आकर्षक बना देता है. वही मथानिया राजस्थान की मिर्च भी खाने में कम तीखी होती है लेकिन यह फिर भी खाने में मिट्टी जैसी खुशबू लेकर आती है. इसके अलावा धानी लोंका बंगाल की एक फेमस मिर्च है जो दिखने में मोटी और छोटी होती है और साथ ही खाने में तीखी और खुशबूदार भी होती है.वहीं पीली मिर्च पूरानी दिल्ली के नाम से मशहूर हिमाचल में उगने वाली यह मिर्च तीखी नहीं होती है लेकिन खाने में अलग स्वाद डाल देती है. भारत की मिर्च राजधानी आंध्र प्रदेशअगर मिर्च उत्पादन की बात करें तो देश में आंध्र प्रदेश सबसे आगे है. देश के कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत और निर्यात का करीब 60 से 70 प्रतिशत यहीं से होता है. यहां के गुंटूर क्षेत्र की मिर्ची न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी मशहूर है. क्यों खाते हैं गर्म प्रदेशों में तीखी मिर्चेएक मान्यता है कि गर्म जगह पर लोग ज्यादा मिर्ची खाते हैं ताकि पसीना आकर शरीर ठंडा हो सके. हालांकि इसका वैज्ञानिक आधार बहुत मजबूत नहीं है. लेकिन यह बात खाने में दिलचस्पी जरूर जोड़ देती है. खाने से कहानियों तक मिर्चों से जुड़ी सिर्फ रसोई की ही नहीं इतिहास और भूगोल की भी कहानियां है. भारत की हर मिर्च चाहे वह गोवा में पुर्तगालियों से आई हो या पूर्वोत्तर की पहाड़ियों में उगी हो. यह अपनी पहचान, स्वाद और तीखापन हमारी थाली का अहम हिस्सा बन चुकी है.ये भी पढ़ें- सिर्फ दिखावा नहीं! लग्जरी प्रॉपर्टी बन रही है स्मार्ट जनरेशन की पहली पसंद