संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को लेकर कांग्रेस को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब पार्लियामेंट में होने वाली विशेष चर्चा में भाग लेने के लिए शशि थरूर से संपर्क किया गया, लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार उन्होंने मना कर दिया. कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय चेहरों में से एक शशि थरूर के ऑपरेशन सिंदूर पर वक्ताओं की सूची में नाम होने के बाद भी ना आने पर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. थरूर की अनुपस्थिति ने लोगों को हैरान कर दिया, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर आउटरीच पहल के दौरान उन्होंने अमेरिका में सबसे महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था.महीनों से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर रहा था विपक्षजम्मू कश्मीर के पहलगाम में (22 अप्रैल, 2025) हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था. इसे लेकर ही कई महीनों बाद विपक्ष की मांग पर आज यह चर्चा शुरू हो रही है. इस चर्चा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सदन में उनके उपनेता गौरव गोगोई, प्रियंका गांधी वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, परिणीति शिंदे, शफी परमबिल, मणिकम टैगोर और राजा बराड़ जैसे सांसद 16 घंटे की इस चर्चा में हिस्सा लेंगे. कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने क्या कहा ?एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस सूत्रों ने बाद में वक्ताओं की सूची में शशि थरूर की अनुपस्थिति को लेकर किसी भी मतभेद की संभावना को कम करने की कोशिश की है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी ने शशि थरूर से बहस में भाग लेने के लिए संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने स्वेच्छा से मना कर दिया. कांग्रेस पार्टी और संसद में उनकी सहयोगी रेणुका चौधरी ने कहा कि उन्हें (शशि थरूर) को संवैधानिक रूप से कहीं भी बोलने का अधिकार है. मैं कौन होती हूं अनुमति देने वाली?ये भी पढ़ें'पाकिस्तान की भाषा न बोलें...', ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने किसे दे दी चेतावनी