विदेश में तैनात राजदूत या किसी जिले के डीएम को, किसको मिलती है ज्यादा सैलरी?

Wait 5 sec.

अक्सर आपने सुना होगा कि भारत के तमाम राजदूत अलग-अलग देशों में तैनात रहते हैं. वे वहां पर विदेश में रहने वाले हमारे देश के नागरिकों की रक्षा करना, समृद्धि का समर्थन करना और शांति का काम होता है. वहीं किसी जिले का डीएम एक आईएएस ऑफिसर होता है, जो कि पूरे जिले की जिम्मेदारी उठाता है. जिले में डीएम से बड़ा कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं होता है, जब तक कि वो जिला संभाग का मुख्यालय न हो. लेकिन कभी आपने सोचा है कि क्या विदेश में तैनात किसी राजदूत की सैलरी ज्यादा होती है, या फिर जिले के किसी डीएम की सैलरी. चलिए आज इस बारे में विस्तार से जानें.राजदूत कौन होता हैविदेश में तैनात राजदूत एक उच्च पदस्थ राजनयिक होता है, जो कि दूसरे देश में अपने मेजबान देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया जाता है. वह देश के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ मेजबान देश के साथ राजनयिक संबंध बनाए रखता है, साथ ही साथ अन्य कूटनीतिक कार्यों को संभालता है. वह अपने देश और मेजबान देश के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान करता है और दोनों देशों के बीच में लागू हुए समझौतों को लागू करने में मदद करता है.डीएम कौन होता हैडीएम भारत सरकार का प्रशासनिक पदाधिकारी होता है, जो कि जिला स्तर से शुरू होकर आगे बढ़ते हुए मंत्रालय के सचिव और फिर पीएम तक का सचिव बनता है. डीएम के पास जिले के अंदर काफी जिम्मेदारियां होती हैं. एक डीएम को राज्य सरकार की ओर से मोटी सैलरी मिलती है, साथ ही साथ बाकी भत्ते भी दिए जाते हैं.राजनयिक और डीएम की सैलरीभारतीय राजदूतों को विदेश मंत्रासय सैलरी देता है. उनको मूल वेतन के अलावा सरकारी भत्ता भी मिलता है. विदेशी भत्ता, महंगाई भत्ते से कई गुना ज्यादा होता है. विदेश में तैनात राजदूतों को मुफ्त में आवास भी मिलता है. राजदूतों का औसत वेतन एक लाख रुपये से दो लाख रुपये प्रति महीना होता है. वहीं भारत में राजदूतों का अनुमानित कुल वेतन 25,143 रुपये प्रति महीना होता है. इसमें भत्ते भी जुड़े होते हैं.डीएम की सैलरी की बात करें तो उनका वेतन पद, अनुभव और वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्भर होता है. आमतौर पर डीएम आईएएस अधिकारी होते हैं और उनका वेतन सातवें वेतन आयोग के अनुसार निर्धारित होता है. डीएम की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये से लेकर 2,50,000 रुपये प्रति महीना होती है. इसमें ग्रेड पे, महंगाई भत्ता, यातायात भत्ता, हाउस रेंट अलाउंस, मेडिकल भत्ता, ड्राइवर की सुविधा आदि दी जाती है.  यह भी पढ़ें: केंद्रीय कर्मचारियों को किन-किन कोटा में मिलती हैं छुट्टियां, जान लें पूरी डिटेल