5वीं सदी में स्थापित चीन का शाओलिन टेंपल न सिर्फ बौद्ध आस्था का केंद्र रहा है. बल्कि यहां पर मार्शल आर्ट का विकास भी साथ साथ हुआ. शाओलिन टेंपल के भिक्षु मार्शल आर्ट के दक्ष खिलाड़ी होते थे. सिर्फ शारीरिक बल और ध्यान से ऊर्जा को केंद्रित कर किया गया उनका प्रहार आमने-सामने की लड़ाई में बड़ों बड़ों को चित कर देता था. ये मठ अब जांच के दायरे में है.