भारत में पेंशन योजनाएं लाखों लोगों के लिए रिटायरमेंट के बाद का आर्थिक सहारा हैं, लेकिन एक आम धारणा है कि अगर पेंशन का पैसा बैंक खाते में पड़ा रहे और उसे नहीं निकाला जाए, तो सरकार उसे वापस ले लेती है. लेकिन क्या यह सच है? आइए तथ्यों पर नजर डालते हैं. पेंशन नहीं निकालने पर क्या होता है?बता दें कि सामान्य तौर पर सरकार पेंशन की राशि को सीधे तौर पर वापस नहीं लेती अगर वह आपके बैंक खाते में जमा हो चुकी है, लेकिन कुछ खास परिस्थितियों और योजनाओं में नियम लागू हो सकते हैं, जो पेंशन को प्रभावित करते हैं. यदि आप 6 महीने तक अपनी पेंशन नहीं निकालते हैं, तो सरकार आपके खाते को संदिग्ध मान सकती है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि पेंशन का लाभ केवल उन लोगों को ही मिले जो इसके हकदार हैं. ऐसे में पेंशनधारकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी कागजी झंझट में पड़ने से अच्छा पेंशनधारकों को सलाह है कि वे अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करें. अपने बैंक खाते को सक्रिय रखें और KYC अपडेट करें. अगर पेंशन रुकी है, तो तुरंत पेंशन ऑफिस या अपने बैंक से संपर्क करेंइस बात का रखें ध्यानकाफी समय तक पेंशन खाते से कोई निकासी ना करने पर सरकार उस व्यक्ति को मृत मानकर पेंशन रोक देती है. ऐसे में बेहतर है कि आप पेंशन निकालते रहें. हालांकि इस दौरान आपका पैसा सुरक्षित रहता है बस कुछ कागजी कार्रवाई करके आप उस पैसे को दोबारा पा सकते हैं. पेंशन रुकने का सबसे आम कारण जीवन प्रमाण पत्र का न जमा होना या निष्क्रिय बैंक खाता है. पेंशनधारकों को तुरंत संबंधित संस्था से संपर्क करना चाहिए. प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आसान है और रुकी हुई राशि ब्याज सहित मिल सकती है.क्या है नियम?दोबारा शुरु करवाने के लिए जरूरी प्रक्रिया होती है सबसे पहले बैंक या पेंशन ऑफिस जाकर खुद के जीवित होने का प्रूफ देना पड़ता है. इसके लिए लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना पड़ता है. साथ ही लिखित आवेदन देकर ये स्पष्ट करना होता है कि पेंशन क्यों नहीं निकाली गई और दोबारा शुरू करने की रिक्वेस्ट की जाए. सभी दस्तावेजों के जांच के बाद और सही प्रक्रिया होने पर पेंशन दोबारा शुरू हो जाती है.इसे भी पढ़ें- ये है इसरो का सबसे महंगा मिशन, खर्चा जानकर उड़ जाएंगे होश