कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि शाह ने अब तक स्पष्ट सार्वजनिक माफी नहीं मांगी. वह जजों के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं. इससे पहले 19 मई को भी कोर्ट ने शाह को मंत्री पद की मर्यादा का पालन न करने के लिए आड़े हाथों लिया था.सोमवार, 28 जुलाई को हुई संक्षिप्त सुनवाई के बाद कोर्ट ने 18 अगस्त की अगली तारीख तय कर दी. जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच ने मामले की जांच कर रही एसआईटी को 13 अगस्त तक जांच पूरी कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने आदेश में लिखा है, 'एसआईटी ने 27 लोगों के बयान लिए हैं. वीडियो समेत बाकी सबूत जुटाए हैं. एफआईआर दर्ज होने के 90 दिन के भीतर जांच पूरी करने की कानूनी सीमा के पालन की बात कही है.'सुनवाई की शुरुआत में विजय शाह के लिए पेश वरिष्ठ वकील के परमेश्वर ने बताया कि एसआईटी ने उनका बयान दर्ज किया है. इस पर कोर्ट ने पूछा कि शाह ने सार्वजनिक माफी क्यों नहीं मांगी है? वकील ने कहा कि माफी ऑनलाइन उपलब्ध है. वह उसे रिकॉर्ड पर रखेंगे लेकिन जज इससे संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने कहा कि ऐसा रवैया मंत्री की मंशा को संदिग्ध बना रहा हैऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के प्रवक्ता की भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया पर विजय शाह के विवादित बयान पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था. हाई कोर्ट ने मंत्री के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया था. 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देते हुए शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को 3 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी बना कर जांच का आदेश दिया था.