संसद के मॉनसून सत्र के दौरान जब विपक्ष ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति, उद्देश्य और परिणामों पर सवाल उठाए, तब रक्षा मंत्री ने पूरी स्पष्टता, संकल्प और आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया. अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने न केवल भारत की सेनाओं के साहस को सलाम किया, बल्कि उन शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी जिन्होंने देश की एकता, अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए.उन्होंने कहा, "आपको अगर कोई सवाल पूछना है, तो यह पूछिए कि क्या ऑपरेशन सिंदूर ने उन आतंकियों के आकाओं को मिटा दिया जिन्होंने हमारी बहनों और बेटियों का सिंदूर मिटाया था?" फिर रक्षा मंत्री ने ठहरकर कहा, "उत्तर है- हां" 'ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य था स्पष्ट', बोले रक्षा मंत्रीरक्षा मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं था, यह भारत की ओर से एक स्पष्ट रणनीतिक-सैन्य संदेश था. इसका उद्देश्य था आतंकवाद के जरिए प्रॉक्सी वॉर लड़ रहे पाकिस्तान को उसकी हरकतों की कड़ी सजा देना.उन्होंने कहा, "हमारी सेनाओं को पूरी स्वतंत्रता दी गई कि वे अपने लक्ष्य स्वयं चुनें और निर्णायक कार्रवाई करें. मकसद युद्ध नहीं, बल्कि शक्ति के प्रदर्शन से दुश्मन को झुकाना था."रक्षा मंत्री ने आगे कहा, "10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस पर लक्ष्य साधकर हमले किए. इसके बाद पाकिस्तान ने संघर्ष रोकने की पेशकश की, जिसे भारत ने यह स्पष्ट करते हुए स्वीकार किया कि यह ऑपरेशन रोका गया है, बंद नहीं. पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क कर सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की. 12 मई को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच औपचारिक संवाद हुआ और सीमित युद्धविराम पर सहमति बनी.""मनोबल की मिसाल बने हमारे जवान"रक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि उन्होंने स्वयं श्रीनगर के मिलिट्री बेस, भुज के एयरबेस और उधमपुर के कमांड सेंटर का दौरा किया. उन्होंने कहा, “हर जगह मैंने देखा कि हमारे जवानों की आंखों में आत्मविश्वास है, उनके मन में संकल्प है, और उनके भीतर मातृभूमि के लिए अटूट समर्पण है.” उन्होंने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के शौर्य को महसूस किया.ये भी पढ़ें-Parliament Monsoon Session Live: 'पाकिस्तान ने दोबारा की कायराना हरकत तो फिर शुरू होगा ऑपरेशन सिंदूर', राजनाथ सिंह की पड़ोसी को चेतावनी