क्या राष्ट्रपति से अवॉर्ड लेते टाइम उनसे मिला सकते हैं हाथ, क्या होता है प्रोटोकॉल?

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राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक होते हैं, उनकी सुरक्षा देश की प्राथमिकता होती है. उनकी सुरक्षा में तैनात गार्ड्स इस बात का बहुत ध्यान रखते हैं. वहीं राष्ट्रपति से अवॉर्ड लेना बहुत गर्व की बात होती है. जब राष्ट्रपति किसी को भी सम्मानित करते हैं तो आप चाहे जो कोई भी हों, आपको उनके प्रोटोकॉल को फॉलो करना होता है. आप चाहकर भी शेकहैंड के लिए राष्ट्रपति के साथ हाथ नहीं मिला सकते हैं और न ही उनके पैर छू सकते हैं. चलिए जानें कि ऐसा क्यों है.राष्ट्रपति से क्यों नहीं मिला सकते हाथ?जब भी कभी राष्ट्रपति के हाथों कोई सम्मान मिलना होता है तो आपको वहां एक दिन पहले बुलाया जाता है. जब भी राष्ट्रपति आपको अवॉर्ड देते हैं, तो आपको उन्हें सिर्फ नमस्कार करना होता है आप उनसे हाथ नहीं मिला सकते हैं. यह सिक्योरिटी प्रोटोकॉल होता है. चाहे आप आर्टिस्ट हों या कोई भी हों आपको राष्ट्रपति के सुरक्षा प्रोटोकॉल को फॉलो करना होता है. क्या राष्ट्रपति से हाथ मिलाना प्रोटोकॉल का उल्लंघन?अब सवाल यह भी है क्या राष्ट्रपति के पैर छूना या फिर उनको टच करना प्रोटोकॉल का उल्लंघन होता है? तो इसका जवाब है हां. राष्ट्रपति को टच करना, उनसे हाथ मिलाना और पैर छूना सुरक्षा प्रोटोकॉल के खिलाफ होता है. राष्ट्रपति की सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है. राष्ट्रपति देश के प्रथन नागरिक होते हैं और उनकी सुरक्षा देश के लिए सर्वोपरि है. राष्ट्रपति के चारों ओर सुरक्षा का एक कड़ा घेरा होता है, जिसका सभी को पालन करना जरूरी होता है.राष्ट्रपति से मिलने का प्रोटोकॉलराष्ट्रपति से मिलने का एक प्रोटोकॉल होता है, हर कोई उनसे ऐसे ही नहीं मिल सकता है. न तो उनसे हाथ मिला सकता है और न ही उनके पैर छू सकता है. भारत में राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं और उनसे मिलने के लिए एक अभिवादन प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होता है. उनसे हाथ जोड़कर हल्के से झुककर उनका अभिवादन किया जा सकता है. किसी भी शख्स, किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के द्वारा पैर छूना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है और आचार संहिता का उल्लंघन होता है.यह भी पढ़ें: क्या जस्टिस वर्मा की तरह आम आदमी भी पहचान छिपाकर दाखिल कर सकता है याचिका, ऐसे मामले में क्या है नियम?