तेलंगाना जागृति की अध्यक्ष और बीआरएस एमएलसी कलवकुंतला कविता ने घोषणा की है कि वह स्थानीय निकायों, शिक्षा और रोजगार में पिछड़े वर्गों (बीसी) के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण जल्द लागू करने की मांग को लेकर 72 घंटे की भूख हड़ताल करेंगी. यह हड़ताल 4 अगस्त को सुबह 11 बजे से 7 अगस्त को सुबह 11 बजे तक इंदिरा पार्क, धरना चौक पर होगी.राज्य सरकार और केंद्र की निष्क्रियता पर निशानाकविता ने कहा कि विधानसभा और परिषद में विधेयक पारित हो चुके हैं, लेकिन केंद्र ने मंजूरी नहीं दी. राज्य सरकार ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को आड़े हाथों लिया और उनकी नीयत पर सवाल खड़े किए. कानूनी कार्रवाई की मांग और तमिलनाडु का उदाहरणउन्होंने पूछा कि राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी न दिए जाने पर राज्य सरकार अदालत क्यों नहीं गई? तमिलनाडु सरकार की तरह कानूनी लड़ाई क्यों नहीं लड़ी जा रही? उन्होंने केंद्र पर दबाव बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की मांग की.बीजेपी और मुख्यमंत्री पर तीखे आरोपबीजेपी की नीतियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी पिछड़े वर्गों के नाम पर राजनीति करती है, लेकिन तेलंगाना में आरक्षण बढ़ाने में बाधा डाल रही है. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर भी उन्होंने आरोप लगाया कि वे केंद्र पर दबाव नहीं बना रहे ताकि उनके 'बड़े भाई' नरेंद्र मोदी को बचाया जा सके.भूख हड़ताल की ऐतिहासिक यादकविता ने कहा कि पूर्व में आंध्र प्रदेश में अंबेडकर प्रतिमा के लिए उन्होंने इसी तरह की 72 घंटे की भूख हड़ताल की थी, जिससे तत्कालीन सरकार झुकी थी. उन्होंने दोहराया कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण विधेयक को हकीकत में बदलने के लिए वह फिर से उसी तरह की लड़ाई लड़ेंगी.