अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के लिए कहा है. यह आज से लागू होना था, लेकिन फिलहाल इसे सात दिनों के लिए टाल दिया गया है. अब यह 7 अगस्त से लागू होगा. ट्रंप ने 92 देशों पर नए टैरिफ की लिस्ट जारी की है, जिसमें भारत पर 25% और पाकिस्तान पर 19% टैरिफ लगाया है. वहीं कनाडा पर 35% का टैरिफ आज से ही लागू हो गया है. हालांकि इस लिस्ट में चीन का नाम शामिल नहीं है. अमेरिका का कहना है कि वो रूस से हथियार और तेल खरीदने की वजह से भारत पर जुर्माना भी लगाएगा. भारत के वाणिज्य उद्योग मंत्रालय का कहना है कि वह इस घोषणा के प्रभावों को देखते हुए और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि अमेरिका के इस मनमाने टैरिफ के खिलाफ भारत कहां शिकायत कर सकता है और ऐसे मामलों की सुनवाई कहां होती है. किन नियमों के तहत विदेश से होता है व्यापारकोई देश अगर किसी दूसरे देश के साथ व्यापार करता है तो उसके लिए सारे नियम कायदे कानून लागू होते हैं. ये नियम वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन लागू करता है. इसका काम सदस्य देशों के बीच के व्यापार को सुगम और निष्पक्ष बनाना होता है. यह व्यापार नियमों पर बातचीत करने, विवादों को सुलझाने और सदस्य देशों की व्यापारिक नीतियों की निगरानी करने के लिए मंच प्रदान करता है. WTO व्यापार विवादों को सुलझाने में भी मदद करता है, जिससे कि सदस्य देशों के बीच में व्यापार सुचारू रूप से चलता रहे. कहां शिकायत दर्ज कर सकता है भारत वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन घरेलू व्यापार नीतियों की भी निगरानी करता है और इस बात को सुनिश्चित करता है कि वे WTO के नियमों के अनुसार ही रहें. इसके अलावा वह विकासशील देशों को विश्व व्यापार संगठन के नियमों का पालन करने को समझने में भी सहायता करता है. ऐसे में अगर भारत चाहे तो वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में ट्रंप के टैरिफ को लेकर शिकायत दर्ज कर सकता है और ऐसे मामलों की यहां पर सुनवाई भी होती है. अगर कोई देश मनमानी करता है तो यहां मामला उठाया जा सकता है. वो अलग बात है कि इसके नियम कोई मानता नहीं है और यह महज रबर स्टांप की तरह रह गया है.टैरिफ पर अमेरिका में घमासानहालांकि अमेरिका के मनमाने टैरिफ की वजह से वहां पर भी घमासान मचा हुआ है. अमेरिका के 12 राज्यों और छोटे व्यापारियों ने ट्रंप के टैरिफ पावर को अदालत में चुनौती दी है. उनका कहना है ति राष्ट्रपति को इस तरह से अकेले फैसले लेने का कोई हक नहीं है. संविधान के अनुसार टैरिफ और टैक्स से जुड़ा अधिकार सिर्फ संसद के पास है. यह भी पढ़ें: भारत से आधे दामों पर चीन में कैसे बिकती है टेस्ला? जानें अपने देश में कितना बढ़ जाता है टैक्स