शुरुआत से ही बगावती तेवर वाले सतीश प्रसाद सिंह न सिर्फ अपने शुरुआती जीवन में समाजवाद से प्रभावित हुए, बल्कि उन्होंने अपने विवाह में भी विचारधारा का पालन किया। राजनीतिक जीवन से इतर उन्होंने एक फिल्म भी बनाई, जो कभी रिलीज नहीं हो पाई।