किन देशों में नहीं दी जाती फांसी, आखिर क्यों नहीं कैपिटल पनिशमेंट का कानून?

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दुनिया भर में मृत्युदंड यानी फांसी को लेकर अलग-अलग देशों के अलग-अलग रुख हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, 112 देशों ने सभी अपराधों के लिए मृत्युदंड को पूरी तरह खत्म कर दिया है. ऐसे में आइये जानते हैं कौन से वो देश हैं जिन्होंने मृत्युदंड को पूरी तरह से बंद कर दिया है और किन देशों में मृत्युदंड की सजा धड़ल्ले से दी जा रही है.किन देशों में मृत्युदंड पूरी तरह खत्मसबसे हालिया उदाहरणों में जिम्बाब्वे ने 2024 में सामान्य अपराधों के लिए मृत्युदंड को खत्म कर दिया, जबकि जाम्बिया ने 2023 में इसे पूरी तरह खत्म कर दिया. इसके अलावा सिएरा लियोन,बुर्किना फासो, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कजाकिस्तान, इक्वेटोरियल गिनी, पापुआ न्यू गिनी, और घाना ने भी हाल के वर्षों में फांसी को पूरी तरह या सामान्य अपराधों के लिए खत्म किया है.इसके पीछे कई कारण हैंपहला और सबसे बड़ा कारण है मानवाधिकारों का सम्मान संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों का मानना है कि मृत्युदंड जीवन के अधिकार का उल्लंघन करता है. यह क्रूर, अमानवीय और अपमानजनक सजा मानी जाती है. इतना ही नहीं कई देशों में यह देखा गया है कि गलत सजा के कारण निर्दोष लोगों को फांसी दी गई. मृत्युदंड ना देने का एक कारण ये भी है कि किसी भी अध्ययन से ये पता नहीं चलता कि मृत्युदंड अपराध की दर को कम करने में प्रभावी होता है. इन देशों में मृत्युदंड की सजा सबसे ज्यादाहालांकि ऐसे देश भी हैं जहां अभी भी मृत्युदंड की सजा सबसे ज्यादा दी जाती है जिसमें चीन, ईरान, सऊदी अरब, और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं. खासकर चीन में हर साल हजारों फांसी दी जाती हैं, लेकिन सटीक आंकड़े गुप्त रखे जाते हैं.इसे भी पढ़ें- पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर को कितनी मिलती है सैलरी, यह भारत के आर्मी चीफ से कितनी कम?