जरूरत की खबर- मानसून का बेस्ट स्नैक्स भुट्टा:प्रोटीन, पोटेशियम से भरपूर, इम्यूनिटी बढ़ाए, डॉक्टर से जानें किसे नहीं खाना चाहिए

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बारिश के मौसम में सड़कों पर भुट्टे (मकई) के ठेले नजर आने लगते हैं। वैसे तो भुट्टे साल भर मिलते हैं, लेकिन बारिश के मौसम में हमें सीधे खेतों से निकले रसीले भुट्टों का स्वाद लेने को मिलता है। आमतौर पर लोग इसे आग पर सेंकने के बाद नींबू-नमक लगाकर खाना पसंद करते हैं। भुट्टा खाने में जितना स्वादिष्ट लगता है, उतना ही ये सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। ऑर्गेनिक और अनप्रोसेस्ड भुट्टे कई जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर से भरपूर होते हैं। ‘साइंस डायरेक्ट’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, अनप्रोसेस्ड भुट्टा नियमित खाने से हार्ट डिजीज, टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा, ओवरवेट और पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है। वहीं ‘जर्नल ऑफ द एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, भुट्टे से बनने वाला पॉपकॉर्न खाने वाले लोग दूसरों की तुलना में औसतन 22% अधिक फाइबर का सेवन करते हैं। इससे उनका पाचन तंत्र बेहतर रहता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम कॉर्न यानी भुट्टे के हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अनु अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर सवाल- भुट्टे में कौन-कौन से न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं? जवाब- यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के मुताबिक, एक मीडियम साइज का भुट्टा लगभग 6.75 से 7.5 इंच लंबा होता है। यह थियामिन और अन्य मिनरल्स का एक अच्छा सोर्स होने के साथ-साथ विटामिन C, E और A से भी भरपूर होता है। भुट्टे में कुछ मात्रा में फाइबर और पोटेशियम भी होता है। नीचे दिए ग्राफिक से एक मीडियम साइज के भुट्टे की न्यूट्रिशनल वैल्यू समझिए- सवाल- भुट्टा हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है? जवाब- भुट्टे में मौजूद जरूरी न्यूट्रिएंट्स शरीर को एनर्जी देने के साथ-साथ पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। इसमें दो पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट्स ल्यूटिन और जेक्सैंथिन आंखों की रोशनी को बेहतर बनाए रखने में मदद करते हैं। ग्लूटेन-फ्री और लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण यह डायबिटीज और ग्लूटेन सेंसिटिव लोगों के लिए भी बेहतर विकल्प है। इसमें मौजूद हेल्दी फैट हार्ट हेल्थ को सपोर्ट करते हैं और ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को फ्री-रेडिकल्स से बचाकर कैंसर के खतरे को भी कम कर सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से डाइट में भुट्टा शामिल करने के फायदों को समझिए- सवाल- स्वीट कॉर्न, रेगुलर कॉर्न और पॉपकॉर्न में क्या अंतर है? जवाब- स्वीट कॉर्न, रेगुलर कॉर्न (फील्ड कॉर्न) और पॉपकॉर्न, तीनों मक्का की अलग-अलग किस्में हैं, जो स्वाद, इस्तेमाल और न्यूट्रिशन में एक-दूसरे से काफी अलग हैं। जैसेकि- स्वीट कॉर्न: इसे आमतौर पर सब्जी के रूप में खाया जाता है। यह स्वाद में मीठा और इसके दाने नरम होते हैं। इसमें शुगर की मात्रा अधिक और स्टार्च कम होता है। इसे कच्चा, उबला या भाप में पकाकर खाया जाता है। रेगुलर कॉर्न (फील्ड कॉर्न): यह आमतौर पर पशु चारे, कॉर्न ऑयल, स्टार्च, कॉर्न सिरप, एथेनॉल और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होता है। इसका दाना सख्त व स्टार्च से भरपूर होता है। रेगुलर कॉर्न पूरी तरह पक जाने के बाद काटा जाता है। यह सीधे खाने योग्य नहीं होता है। पॉपकॉर्न: यह मक्के की खास किस्म है, जिसके दानों का बाहरी छिलका बहुत सख्त होता है और अंदर पानी और स्टार्च भरा होता है। गर्म करने पर यह फूटकर हल्का और कुरकुरा स्नैक बन जाता है। सवाल- क्या प्रोसेस्ड स्वीट कॉर्न खाना भी फायदेमंद है? जवाब- ताजे भुट्टे की तुलना में इसमें कुछ न्यूट्रिशन कम हो जाते हैं। प्रोसेसिंग के दौरान इसमें मौजूद कुछ विटामिन्स और एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा कम हो सकती है। इसके अलावा डिब्बाबंद कॉर्न में नमक और कभी-कभी शक्कर या प्रिजर्वेटिव्स भी मिलाए जाते हैं, जो इसे कम हेल्दी बनाते हैं। हालांकि फ्रोजन स्वीट कॉर्न के पोषक तत्व काफी हद तक सुरक्षित रहते हैं। कुल मिलाकर प्रोसेस्ड की तुलना में अनप्रोसेस्ड कॉर्न ज्यादा फायदेमंद है। सवाल- भुट्टे को डाइट में कैसे शामिल किया जा सकता है? जवाब- भुट्टे को दिनभर की डाइट में कई हेल्दी तरीकों से शामिल कर सकते हैं। जैसेकि- सवाल- भुट्टे को किस समय खाना बेहतर माना जाता है? जवाब- इसके सुनहरे दाने प्रोटीन रिच होते हैं और दिन के किसी भी समय इनका आनंद लिया जा सकता है। लेकिन भुना हुआ भुट्टा या एयर-पॉप्ड पॉपकॉर्न शाम के समय भूख लगने पर एक कम कैलोरी वाला, पेट भरने वाला और स्वादिष्ट विकल्प होता है। कॉर्न में मौजूद कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और स्टार्च शरीर को एनर्जी देने में मदद करते हैं, इसलिए इसे हल्का स्नैक बनाकर वर्कआउट से 30–45 मिनट पहले भी खाया जा सकता है। गरमागरम कॉर्न सूप या उबला हुआ कॉर्न हल्का, सुपाच्य और पेट भरने वाला होता है, जिससे डिनर में ओवरईटिंग से बच सकते हैं। ध्यान दें भुट्टा देर रात नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें स्टार्च होता है, जो पाचन में समय ले सकता है और नींद को प्रभावित कर सकता है। सवाल- क्या ज्यादा भुट्टा खाना नुकसानदायक भी हो सकता है? जवाब- भुट्टा न्यूट्रिशन से भरपूर है, लेकिन ज्यादा खाने पर गैस, ब्लोटिंग या कब्ज की समस्या हो सकती है। स्वीट कॉर्न ज्यादा खाने से ब्लड शुगर भी बढ़ सकता है, खासकर डायबिटिक लोगों को संतुलन रखना जरूरी है। सवाल- एक दिन में कितनी मात्रा में भुट्टा खाना सुरक्षित है? जवाब- एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए दिन में 1 से 1.5 कप (करीब 100–150 ग्राम) भुट्टा खाना आमतौर पर सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है। उबला या भुना हुआ भुट्टा सबसे हेल्दी विकल्प है। मक्खन, नमक या प्रोसेस्ड टॉपिंग का इस्तेमाल न करें। सवाल- किन लोगों को भुट्टा नहीं खाना चाहिए? जवाब- भुट्टे में नेचुरल शुगर और कार्ब्स होते हैं, जो ब्लड शुगर बढ़ा सकते हैं। डायबिटिक लोगों को सीमित मात्रा में इसे खाना चाहिए। इसके अलावा अगर पाचन संबंधी समस्याएं हों, किडनी डिजीज हो या कोई अन्य गंभीर बीमारी हो तो खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ....................... जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- मानसून का सुपरफूड अरबी के पत्ते: 9 हेल्थ बेनिफिट्स, कच्चा या अधपका खाना खतरनाक, जानें किसे नहीं खाना चाहिए ‘साइंस डायरेक्ट’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, अरबी के पत्तों में एंटीऑक्सिडेटिव, एंटी-डायबिटिक, एंटी-कैंसर, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया और हाई ब्लड प्रेशर समेत कई बीमारियों से बचाने में मददगार हैं। पूरी खबर पढ़िए...