साइबर लिटरेसी- पेट्रोल पंप पर क्रेडिट कार्ड न यूज करें:फ्रॉड का रिस्क, क्या है यह क्रेडिट कार्ड स्किमिंग, जानें 8 सेफ्टी टिप्स

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सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पेट्रोल पंप पर होने वाले नए क्रेडिट कार्ड स्कैम का खुलासा किया गया है। इस वीडियो में एक शख्स लोगों को सावधान करते हुए कहता है कि कृपया पेट्रोल पंप पर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल न करें, वरना आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। यह वीडियो सार्थक अहूजा नाम के एक यूजर ने शेयर किया है और अब तक ये 70 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। वीडियो में बताया गया है कि एक आदमी ने पेट्रोल भरवाते समय कार्ड स्वाइप किया और कुछ दिन बाद उसके खाते से एक लाख रुपए से ज्यादा की चोरी हो गई। तो चलिए, साइबर लिटरेसी कॉलम में जानेंगे कि क्रेडिट कार्ड फ्रॉड क्या है? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट- राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस सवाल- कार्ड स्किमिंग स्कैम क्या है? जवाब- कार्ड स्किमिंग एक तरह की ठगी है, जिसमें ठग आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी चोरी कर लेते हैं। वे ATM मशीन, पेट्रोल पंप या दुकानों की कार्ड स्वाइप मशीन (POS मशीन) पर एक छोटा सा डिवाइस छिपाकर लगा देते हैं, जिसे स्किमर कहते हैं। जब आप उस मशीन में अपना कार्ड डालते हैं या स्वाइप करते हैं तो यह स्किमर आपके कार्ड की जानकारी (जैसे कार्ड नंबर और एक्सपायरी डेट) रिकॉर्ड कर लेता है। कई बार पिन चुराने के लिए कीपैड के ऊपर नकली कीपैड या कैमरा भी छिपाकर लगा दिया जाता है। बाद में ठग इसी जानकारी से नकली कार्ड बनाकर पैसे निकाल लेते हैं या ऑनलाइन शॉपिंग कर लेते हैं। सवाल- कैसे पता करें कि मेरा कार्ड स्किम हो गया है? जवाब- अगर खाते से कोई ऐसा पैसा कटा है, जो आपने खर्च नहीं किया है तो यह स्किमिंग का पहला संकेत हो सकता है। अक्सर ठग पहले छोटे-छोटे अमाउंट काटते हैं ताकि आपको या बैंक को शक न हो। अगर हाल ही में किसी अजनबी या अजीब-सी मशीन (ATM या दुकान की कार्ड मशीन) पर कार्ड इस्तेमाल किया है और उसके बाद खाते में गड़बड़ी दिखी है तो हो सकता है वही मशीन स्किमर से लैस हो। सवाल- क्या पेट्रोल पंप पर कार्ड स्किमिंग का खतरा ज्यादा होता है? जवाब- हां, पेट्रोल पंप पर स्किमिंग का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि वहां की कार्ड मशीनें (POS) अक्सर खुले में होती हैं और उन पर निगरानी कम रहती है। स्कैमर्स इन्हीं मशीनों पर स्किमिंग डिवाइस लगाकर कार्ड डेटा चुरा लेते हैं। सवाल- कार्ड स्किमिंग और क्लोनिंग में क्या फर्क है? जवाब- साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि स्किमिंग पहली स्टेज होती है, जिसमें ठग कार्ड नंबर, पिन और दूसरी जानकारी चुराते हैं। क्लोनिंग अगली स्टेज है, जहां उस जानकारी से डुप्लीकेट कार्ड बनाकर धोखाधड़ी की जाती है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से भी कार्ड स्किमिंग हो सकती है? जवाब- हां, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से भी कार्ड स्किमिंग हो सकती है। इसे ई-स्किमिंग या फिशिंग कहा जाता है। इसमें ठग आपको नकली वेबसाइट या लिंक पर भेजते हैं, जहां आप जैसे ही कार्ड की जानकारी डालते हैं, वे उसे चुरा लेते हैं। सवाल- क्रेडिट कार्ड स्किमिंग स्कैम से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें? जवाब- क्रेडिट कार्ड स्किमिंग से बचने के लिए कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। खासकर पेट्रोल पंप जैसी जगहों पर, जहां POS मशीनें खुले में होती हैं और उन पर नजर रखना मुश्किल होता है। सवाल- RFID ब्लॉकिंग क्या है और इससे स्किमिंग कैसे रोकी जा सकती है? जवाब- RFID ब्लॉकिंग एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड को स्कैम से बचाती है। आजकल कई कार्ड ऐसे होते हैं, जिनमें चिप लगी होती है। इससे बिना मशीन में डाले भी पेमेंट हो सकता है। स्कैमर इसी तकनीक का गलत इस्तेमाल करके दूर से ही आपके कार्ड की जानकारी चुरा सकते हैं। RFID ब्लॉकिंग वाले वॉलेट, कार्ड कवर या बैग में एक खास तरह की परत (जैसे धातु की पतली शीट या स्पेशल कपड़ा) होती है। ये परत स्कैमर के स्कैनर से आने वाली तरंगों को कार्ड तक पहुंचने नहीं देती है। इस तरह आपका कार्ड सुरक्षित रहता है और उसकी जानकारी चोरी नहीं हो पाती। ये तकनीक भीड़ वाली जगहों जैसे मेट्रो, बस या बाजार में बहुत काम आती है। सवाल- अगर कोई स्किमिंग का शिकार हो जाए तो सबसे पहले क्या करें? जवाब- अगर आपके कार्ड से किसी ने धोखाधड़ी करके पैसे निकाल लिए हैं तो घबराएं नहीं। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके आप नुकसान कम कर सकते हैं। तुरंत बैंक को फोन करें सबसे पहले अपने बैंक को कॉल करें या बैंक की एप से कार्ड को ब्लॉक कराएं। उन्हें बताएं कि आपके साथ फ्रॉड हुआ है। जितनी जल्दी आप ये करेंगे, उतना नुकसान कम होगा। बैंक को पूरी जानकारी दें बैंक को बताएं कि आपने ये ट्रांजैक्शन नहीं किया है। ट्रांजैक्शन की तारीख, समय और रकम की जानकारी दें। बैंक से कहें कि वे चार्जबैक प्रक्रिया शुरू करें, जिसमें वे पैसा वापस लाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए आपको शिकायत पत्र और ट्रांजैक्शन की डिटेल्स देनी पड़ सकती हैं। इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन बंद करवाएं स्कैमर कई बार कार्ड का इस्तेमाल विदेशों में ऑनलाइन शॉपिंग के लिए करते हैं। अगर आपको शक है कि ऐसा हुआ है तो बैंक से इंटरनेशनल पेमेंट की सुविधा तुरंत बंद करवा दें। साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें सिर्फ बैंक को बताना काफी नहीं है। www.cybercrime.gov.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें। अगर वेबसाइट इस्तेमाल करना मुश्किल हो तो नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल में जाकर लिखित शिकायत करें। …………………ये खबर भी पढ़ें... न्यूजीलैंड की सांसद ने संसद में दिखाई अपनी डीपफेक न्यूड:AI से 5 मिनट में बन रही हैं फेक तस्वीरें, कैसे बचें, जानिए 10 सावधानियां आज सोशल मीडिया और इंटरनेट की दुनिया में डीपफेक सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं, एक खतरनाक हथियार बन चुका है। इसका इस्तेमाल किसी की छवि बिगाड़ने, करियर को नुकसान पहुंचाने या एजेंटा बनाने के लिए हो सकता है। खासकर युवाओं, महिलाओं और किशोरियों को इसका सबसे अधिक खतरा है। पूरी खबर पढ़िए...