उपराष्ट्रपति पद से एक दिन पहले इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ सरकारी बंगले के हकदार हैं. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार (22 जुलाई 2025) को यह जानकारी दी. धनखड़ (74) पिछले साल अप्रैल में संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड पर नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में स्थानांतरित हो गए थे.उपराष्ट्रपति के आवास और कार्यालय वाले एन्क्लेव का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत किया गया था. धनखड़ को लगभग 15 महीने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रहने के बाद उसे छोड़ना होगा. अधिकारी ने कहा, 'उन्हें (धनखड़) लुटियंस दिल्ली या किसी अन्य इलाके में टाइप आठ का बंगला देने की पेशकश की जाएगी.' टाइप आठ का बंगला आमतौर पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों या राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को आवंटित किया जाता है.स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफाधनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि धनखड़ के इस्तीफा देने के पीछे उनके द्वारा बताए गए स्वास्थ्य कारणों के अलावा कोई और अधिक गहरे कारण हैं. धनखड़ के सोमवार रात अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने से ऐसी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है कि क्या यह ‘स्वास्थ्य’ कारणों से दिया गया है या इसके पीछे ‘कुछ और वजह’ है.सत्तारूढ़ गठबंधन की नहीं दिखी प्रतिक्रियाआमतौर पर, किसी उच्च पदस्थ व्यक्ति के हटने पर उसकी प्रशंसा की जाती है, लेकिन धनखड़ के मामले में सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से ऐसी कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली. हालांकि, विपक्ष की ओर से धनखड़ के बारे में अच्छे शब्द कहे गए. यह बात अलग है कि विपक्षी सदस्यों ने पिछले साल धनखड़ के कथित पक्षपात को लेकर उन्हें पद से हटाने के लिए एक नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे. बता दें कि धनखड़ के इस्तीफे के साथ ही अब देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद के लिए नया चुनाव होना तय है और यह प्रक्रिया कई राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकती है.ये भी पढ़ें: धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद की दौड़ तेज, संसद में किसकी ताकत कितनी मजबूत? समझिए नंबर गेम