रोड एक्सीडेंट और इनमें होने वाली मौतों के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष देशों में शुमार है. इन हादसों में वाहन चालकों की बड़ी लापरवाही देखने को मिलती है खासकर ट्रैफिक रूल्स फॉलो ना करना. जिसे लेकर सड़क परिवहन मंत्रालय अब सख्त कदम उठाने जा रहा है. मंत्रालय एक नया नियम लाने जा रहा है जिसमें अगर कोई व्यक्ति बच्चों के साथ गाड़ी चलाता है और ट्रैफिक नियम तोड़ता है तो उसपर दो गुना जुर्मान लगेगा. किसपर लागू होगा नियम?ये नियम सभी वाहनों पर लागू होगा यानि प्राइवेट वाहनों के साथ साथ किराये से चलने वाले वाहन, स्कूली वाहन भी इस नियम के अंतर्गत आएंगे. नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालक और मालिक दोनों को बराबर का जिम्मेदार माना जाएगा. आइये जानते हैं वर्तमान में क्या जुर्माना है?वर्तमान में क्या जुर्माना है?अगर दुपहिया वाहन पर तीन लोग सफर करते पकड़े जाते हैं तो 1000 रुपये जुर्माना लगता है.बिना बेल्ट के गाड़ी चलाते पाए जाने पर 1000 रुपये जुर्माना लगता है.बिना हेल्मेट के बाइक चलाते पकड़े जाने पर 1000 रुपये जुर्माना लगता है.सिग्नल तोड़ने पर 5000 रुपये जुर्माना देना पड़ता है.अगर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाते पकडे़ जाते हैं, तो आपसे 5000 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. तो ये रहा वर्तमान में यातायात नियमों के उल्लंघन में लगने वाला जुर्माना. नए नियम आने पर यदि आप बच्चों के साथ ट्रैफिक रूल्स तोड़ते हैं तो इन जुर्माने की रकम दोगुनी हो जाएगी. इतना ही नहीं सरकार मेरिट-डिमेरिट प्वाइंट लाने की भी तैयारी कर रही है. अब चलिए जान लेते हैं कि ये मेरिट डिमेरिट क्या है?क्या है मेरिट-डीमेरिट?नए नियम मेरिट डिमेरिट के तहत प्वाइंट सिस्टम में सरकार एक सीमा तय करेगी. अच्छे चालकों को मेरिट प्वाइंट और यातायात नियम तोड़ने वालों को लाइसेंस पर डिमेरिट प्वाइंट दर्ज किए जाएंगे यदि डिमेरिट अंक निर्धारित सीमा से अधिक हो जाता है तो उस व्यक्ति का लाइसेंस स्थायी या अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाएगा. इतना ही नहीं इंश्योरेंस प्रीमियम में इससे जोड़ने का प्रस्ताव है यानि अगर चालक गाड़ी सुरक्षित चलाता है तो उसे प्रीमियम में छूट मिल सकती है. डिमेरिट की सीमा अधिक होने पर चालक को लाइसेंस रिन्यू कराने से पहले ड्राइविंग टेस्ट देना होगा ये उनके लिए लागू होगा जिनके लाइसेंस की अवधि खत्म होने वाली है.इन नियमों का मकसद सड़क यात्रा को सरक्षित बनाना है और लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक करना है. बच्चों के साथ सफर के दौरान अक्सर लोग यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं जो हादसे को दावत देता है. ऐसे में सरकार का मकसद लोगों को उनकी जिम्मेदारी सझाना है जुर्माना ज्यादा लगेगा तो कहीं ना कहीं लोग डरेंगे ड्राइविंग करते समय अपनी जिम्मेदारी तो समझेंगे ही साथ ही अपने बच्चे के जान की भी परवाह करेंगे.