अभी जबकि भारत पाकिस्तान संघर्ष के बीच चीन के पाकिस्तान का साथ देने को लेकर इतनी बहस हुई थी, ऐसे में जयशंकर का चीन जाना सिर्फ़ एक कूटनीतिक यात्रा नहीं बल्कि कई अहम सवाल भी खड़े करती है.