मेवाड़ का प्रवेशद्वार है यह गांव, जानें कैसे पड़ा 'मांडल' नाम

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Mera Goan Meri Mitti: भीलवाड़ा जिले का मांडल कस्बा मेवाड़ का ऐतिहासिक प्रवेश द्वार माना जाता है. यह क्षेत्र राजस्थान के सबसे बड़े तालाब, 32 खंभों की छतरी, और शाहजहां काल में शुरू हुई नाहर नृत्य परंपरा के लिए प्रसिद्ध है. मांडल का इतिहास मेवाड़ दरबार से जुड़ा रहा है, और यहां की सांस्कृतिक विरासत आज भी जीवित है. मुख्य रूप से कृषि और पशुपालन पर आधारित यह कस्बा अब औद्योगिकरण की ओर भी अग्रसर है.